तखतपुर में पार्टी प्रत्याशी के साथ ही बदल जाते हैं कई चेहरे
(बृजपाल & ललित) तखतपुर की बीते 30 सालों से भाजपा की तस्वीर बहुत जल्दी-जल्दी बदलती रही… जिससे भाजपा को जहां स्थायित्व का समुंदर नहीं मिला.. वही तेजी से बदलते चेहरों के साथ-साथ पार्टी की भीड़ का चेहरा, रंग ढंग, ठीहा ठिकाना भी समय-समय पर बदलता रहा। अब जब एक बार फिर से भाजपा की कमान नए हाथों में आई है तो स्वाभाविक रूप से उनके तरकश के तीर और ब्रह्मास्त्र भी उन्हीं के मनोनुरूप होंगे…
1967 में मनहरण लाल पांडेय ने तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा/ जनसंघ/ जनता पार्टी की कमान संभाली जो लगभग 40 वर्ष 1996 तक कायम रहा। लगभग चार दशक तक भाजपा का नेतृत्व उनके ही द्वारा किया गया। उसके बाद तो मानो भाजपा के लिए टेस्ट क्रिकेट मैच का दौर खत्म होकर वनडे क्रिकेट की तरह हुआ और अब तो बदलते समय के साथ 20-20 क्रिकेट का खेल भी चलता दिख रहा है। 1996 में छेदी सिंह ठाकुर, 1998 में जगजीत सिंह मक्कड़, 2008 में राजू सिंह क्षत्रिय, 2018 में हर्षिता पांडेय और अब 2023 में धर्मजीत सिंह भारतीय जनता पार्टी का एक नया चेहरा बनकर सामने आए हैं। बीते सभी दौर में हर किसी का राजनीति करने का और पार्टी चलाने का अंदाज अलग-अलग रहा। जिस वजह से जिसका जैसा दौर रहा उसके दरबार के रत्न दरबारी भी उन्हीं के मनोनूरूप रहे। जिस वजह से यह कहा जा सकता है कि जैसे-जैसे पार्टी के चेहरे बदलते रहे, वैसे-वैसे भीड़ का चेहरा भी बदलता दिखाई दिया। अब एक बार फिर से छत्तीसगढ़ राजनीति के बहुत ही मंजे हुए अनुभवी वरिष्ठ खिलाड़ी धर्मजीत सिंह अपने चुनावी अनुभवों का पिटारा लेकर तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में उतर पड़े हैं तो स्वाभाविक रूप से लोगो ने इनसे एक से बढ़कर एक चुनावी चमत्कारों की उम्मीदें पाल रखी है और देखना यह है कि चुनावी जादूगरी और बाजीगरी में माहिर ये अनुभवी खिलाड़ी तखतपुर विधानसभा क्षेत्र को साधने में किस हद तक कामयाब हो पाएंगे…?
तब तक के लिए नारायण नारायण…😊
यह भी एक महज इत्तेफाक है..
राजनीति में इत्तेफाकन की कई मिसाले कायम रहती हैं.. सिर्फ देखने वाले और ताड़ने वाले की नजर होनी चाहिए वरना कदम-कदम पर तो इत्तेफाक के फूल खिलते रहते हैं। एक महज इत्तेफाक है कि जिस जिस ने भी इन्हें मंडल अध्यक्ष बनाया उसके बाद उस नेताजी की टिकट कट गई… 2008, 2018 और अब 2023 इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है..!
नारायण नारायण…..😊