बिना मान्यता के संचालित आन्या अस्पताल के डायरेक्टर और प्रबंधक को जेल
गर्भवती महिला का आपरेशन करने वाले तथाकथित डाक्टर और एंबुलेंस चालक फरार
लापरवाही पूर्वक आपरेशन से प्रसूता की मौत के मामले में पुलिस की बड़ी कार्यवाही
लोरमी (प्रमोद जायसवाल) नगर के आन्या हास्पिटल में डिलवरी कराने आयी प्रसुता की आपरेशन के दौरान मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुये अस्पताल के डायरेक्टर और प्रबंधक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला कायम कर दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है प्रकरण के अन्य आरोपी आपरेशन करने वाले तथाकथित डाक्टर और एंबुलेंस चालक फरार है। इधर कलेक्टर के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग भी प्रकरण की जांच कर रही है।
मामले का खुलासा करते हुये एसडीओपी माधुरी धिरही ने बताया कि ग्राम सल्हैया निवासी शारदा राजपूत पति दुर्गेश राजपूत उम्र 23 वर्ष को डिलवरी के लिये 26 अक्टूबर को शाम 7 बजे 50 बिस्तर अस्पताल में भर्ती कराया गया, नार्मल डिलवरी के चांसेस नही होने पर प्रसूता को साढ़े 11 बजे जिला अस्पताल मुंगेली रेफर किया गया इधर रेफर करने की जानकारी मिलते ही अस्पताल के भीतर उपस्थित निजी एंबुलेंस चालक अजय टंडन प्रसूता के परिजन को बरगलाने लगा और कहा कि रात में जिला अस्पताल में डिलवरी की सुविधा नही होती है इधर प्रसूता की स्थिति सीरियस हो रही थी जिसे देखते हुये परिजन मान गये और एंबुलेंस चालक अजय टंडन ने प्रसूता को 50 बिस्तर से लाकर आन्या हास्पिटल में करीब रात 12 बजे भर्ती कर दिया। तीन घंटे बाद तथाकथित डाक्टर नागेश पटेल अस्पताल आकर सीजर किया आपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया विशेषज्ञ कोई नही था, लापरवाही पूर्वक किये गये सीजर से प्रसूता की मौके पर ही मौत हो गयी बच्चा सुरक्षित था अस्पताल प्रबंधन द्वारा मौत की जानकारी तीन घंटे छुपायी गयी और शुक्रवार को तड़के सुबह प्रसूता की मौत की जानकारी दी गयी इस प्रकरण को लेकर पांच घंटे हंगामा हुआ अस्पताल की जांच के लिये एसडीएम पार्वती पटेल, बीएमओ डाॅ जीएस दाऊ, एसडीओपी माधुरी धिरही थाना प्रभारी डीएसपी जितेंद्र कुंभकार पहुंचे और अस्पताल के डायरेक्टर महेंद्र साहू और प्रबंधक जितेंद्र साहू को हिरासत में लिया गया।
पोस्टमार्टम में लापरवाही पूर्वक आपरेशन का मिला प्रमाण
कलेक्टर के निर्देश पर मृतिका महिला का पोस्ट मार्टम सीएमएचओ डाॅ देवेंद्र पैकरा की उपस्थिति में विडियोग्राफी के साथ कराया पीएम में लापरवाही पूर्वक आपरेशन किये जाने का प्रमाण मिला जिसके आधार पर आन्या अस्पताल संचालक महेंद्र साहू, प्रबंधक जितेंद्र साहू के खिलाफ धारा 304, 34 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय मे पेश किया गया जहां से दोनो आरोपियों को जेल भेज दिया गया है प्रकरण के अन्य आरोपी तथाकथित डाॅक्टर नागेश पटेल, एंबुलेंस चालक अजय टंडन अभी फरार है। पुंलिस आरोपियो की तलाश कर रही है। एसडीओपी माधुरी धिरही ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अस्पताल की जांच कर रही है। धारा 91 के तहत नोटिस जारी किया गया है, अस्पताल के पास कोई लाइंसेंस नही है। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट का प्रकरण भी दर्ज किया जायेगा। संपूर्ण कार्यवाही में प्रशिक्षु डीएसपी जितेंद्र कुंभकार सहित स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।
आन्या अस्पताल पूरी तरह फर्जी-सीएमएचओ
प्रकरण को लेकर मुंगेली सीएमएचओ डाॅ देवेंद्र पैकरा ने बताया कि आन्या अस्पताल पूरी तरह फर्जी है वहां कोई डाक्टर नही है और न ही कोई प्रशिक्षित स्टाफ सिर्फ आनलाइन आवेदन देकर अस्पताल का संचालन किया जा रहा था स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल संचालन के लिये लाइसेंस नही दिया गया है फर्जी तरीके से अस्पताल संचालन को लेकर नर्सिंग होम एक्ट के तहत 13 जुलाई को पहली बार और सितंबर महिने में दूसरी बार अस्पताल को बंद करने का नोटिस दिया गया था उसके बाद भी अस्पताल का संचालन किया जा रहा था कलेक्टर के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है जांच टीम में विशेषज्ञ भी शामिल है। अस्पताल अभी सील कर दिया गया है इसलिये स्टाफ का बयान नही हो पाया है, जांच के बाद कार्यवाही होेगी।
लोगो को भी जागरूक होना पड़ेगा
सीएमएचओ डाॅ पैकरा ने बताया कि जैसा कि प्रकरण में देखने को मिला है कि एंबुलेंस चालक अस्पताल परिसर के भीतर रहकर मरीज के परिजनों को बरगलाकर कमीशन के लालच में निजी अस्पताल धकेल देते है डिलवरी के प्रकरण में निजी एंबुलेंस चालक को मरीज ले जाने पर पांच हजार रूपये का कमीशन आन्या अस्पताल जैसे फर्जी निजी अस्पताल के द्वारा दिया जाता है। इन सबसे बच के रहना है लोगो को जागरूक होना पड़ेगा। उन्होने अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस चालक सहित सभी अनाधिकृत व्यक्तियों की उपस्थिति पर आपत्ति जताई और कहा कि पुलिस विभाग के सहयोग से इन जैसे पर कार्यवाही की जायेगी। कोई भी निजी एंबुलेंस अस्पताल परिसर में नही होना चाहिये बीएमओ को कार्यवाही के लिये निर्देशित किया गया है।
बिना लाइसेंस के चल रहे सभी अस्पताल होंगे बंद
सीएमएचओ डाॅ देवेंद्र पैकरा ने कहा कि पूरे जिले में जितने भी अस्पताल बिना मापदंड के बिना लाइसेंस के चल रहे है सभी को बंद कराया जायेगा, सीएमएचओ ने लोरमी में संचालित मंथन हास्पिटल का जिक्र करते हुये बताया कि आन्या अस्पताल और मंथन अस्पताल को एक साथ नोटिस दिया गया था दोनो अस्पताल में न तो डाॅक्टर थे और न ही सुविधा। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मंथन हास्पिटल को बंद करने के लिये गये थे तब अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वयं से बंद करने की बात कही गयी थी लेकिन जानकारी मिली है कि संचालन जारी है मंथन अस्पताल सहित जिले में संचालित सभी अवैधानिक हास्पिटल को बंद कराने अभियान चलाया जायेगा, फर्जी अस्पतालो के खिलाफ एफआईआर भी कराया जायेगा।
जीएनएम प्रशिक्षित कर रहा था एमबीबीएस का काम
अस्पताल में ड्यूटी डाक्टर के रूप में एमबीबीएस डाॅक्टर होना चाहिये लेकिन पुलिस की जांच में पता चला कि आन्या अस्पताल में सिर्फ जीएनएम प्रशिक्षित विश्राम धु्रव के भरोसे मरीजों की देखभाल होती थी, यहां तक कि अस्पताल में पदस्थ 40 के स्टाफ में से कोई प्रशिक्षित नही था पुलिस ने सभी का बयान लिया है।