मोदी स्टाइल में क्या कहीं नए चेहरे पर खेला जा सकता है दांव…?
नगर पालिका उपाध्यक्ष के लिए किसका हो सकता है भाग्योदय…?
बृजपाल सिंह हूरा…✍️

तखतपुर। नगर पालिका अध्यक्ष में कांग्रेस की पैठ जम गई है और पार्षदों में कांग्रेस के पूर्ण बहुमत से यह माना जाने लगा है कि अब नगर पालिका उपाध्यक्ष का पद भी कांग्रेस की झोली में ही जाएगा और चर्चा बहुत तेजी से चल रही है कि आखिर नगर पालिका का उपाध्यक्ष बनेगा कौन…?
नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष के दो प्रतिनिधि सबसे प्रबल दावेदार..

तखतपुर में नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजय देवांगन की पत्नी गौरी अजय देवांगन वार्ड क्रमांक 1 से चुनाव जीत कर आई हैं। वही नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा मुन्ना श्रीवास के प्रतिनिधि रह चुके मुन्ना श्रीवास भी चुनाव जीत कर आ चुके हैं। सीनियर होने के नाते यह दोनों सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। मुन्ना श्रीवास सीनियर होने के साथ पूर्व संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह के बहुत नजदीकी भी माने जाते हैं। वही गौरी अजय देवांगन को नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष संबंधित होने के साथ-साथ तखतपुर नगर के एक बहुत बड़ी आबादी देवांगन समाज के प्रतिनिधित्व के रूप में भी देखा जा सकता है।
वार्ड क्रमांक 2 को क्या फिर मिल सकता है नगर पालिका उपाध्यक्ष..?

पिछले पंचवर्षीय में वार्ड क्रमांक 2 की पार्षद रही श्रीमती वंदना बाला सिंह 5 साल तक नगरपालिका की उपाध्यक्ष रही। ऐसे में कुछ लोगों का तर्क और टोटका यही चल रहा है कि यहां से ऐतिहासिक जीत दर्ज की श्रीमती अनुपमा अभिषेक पांडेय पर भी पार्टी क्या नजरे इनायत जमाते हुए उपाध्यक्ष की रेस में आगे कर सकती हैं..? वैसे इन्हें पूर्व विधायक संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह का बहुत करीबी भी माना जाता है।
अध्यक्ष “पूजा” के साथ.. क्या उपाध्यक्ष भी “पूजा” हो सकती है..?

नगर पालिका में तखतपुर के बहुत ही महत्वपूर्ण वार्ड 13 और बहुत ही सीनियर भाजपा पार्षद शिव देवांगन को बुरी तरह परास्त कर पहली बार नगर पालिका पहुंची श्रीमती पूजा बबलू गुप्ता जो पूर्व विधायक संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह की नजदीकी मानी जाती है। क्या एक नए चेहरे के रूप में इन पर भी नगर पालिका उपाध्यक्ष का दांव खेला जा सकता है…?
जाति फैक्टर में लवली का दावा कमजोर

सीनियरिटी के हिसाब से परमजीत लवली हूरा भी उपाध्यक्ष की दावेदार हो सकती हैं। चूंकि सिख समाज से अध्यक्ष का प्रतिनिधित्व है तो ऐसे में उपाध्यक्ष सिख समाज से लेने के विषय में सोचा भी नहीं जाएगा। अन्यथा की स्थिति में जिस वार्ड क्रमांक 9 में पूरे तखतपुर की निगाहें जमा थी.. वहां एक बड़ी धमाकेदार जीत दर्ज कर उसे सत्य कर्म की जीत निरूपित किया, उससे उनका भी दावा मजबूत था।
ओबीसी फैक्टर में नए चेहरे पर भी हो सकता है क्या विचार..?

ओबीसी फैक्टर में पुराने सीनियर के हिसाब से गौरी अजय देवांगन एवं मुन्ना श्रीवास का प्रबल दावा तो बन ही रहा है। वही नए चेहरे के रूप में चंद्र प्रकाश देवांगन एवं शैलेंद्र निर्मलकर भी छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं।
अभी कांग्रेस के दो दिग्गज चुनाव नहीं लड़े वरना…?

नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस के दो अपराजेय पार्षद इस बार पता नहीं किस रणनीति के तहत चुनाव नहीं लड़े वरना…? उनकी जीत की संभावना तो प्रबल रहती ही है और यह भी कहीं जीत कर आ जाते तो नगर पालिका उपाध्यक्ष के लिए तो कुकरीकांदा मच गया रहता। लगातार चार बार के पार्षद रहे मुकीम अंसारी ने बहुत ही नाटकीय और ड्रैमेटिक तरीके से पार्षद लड़ने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया और वह लगातार पांचवीं बार एक ही वार्ड से पार्षद बनने का रिकॉर्ड दर्ज करने से वंचित ही रह गए। संभवत: सीनियरिटी के हिसाब से वर्तमान स्थिति में उपाध्यक्ष बन सकते थे.. ऐसे ही टेकचंद कारड़ा भी अगर चुनाव लड़कर पार्षद बनते तो उनका भी उपाध्यक्ष में प्रबल दावा रहता…
क्या भाजपा उपाध्यक्ष पद के लिए बना सकती है रणनीति..?

बहुमत के आंकड़े से दो पार्षद दूर भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सवाल उठ रहा है कि वह रणनीति और फील्डिंग सजाकर उपाध्यक्ष के पद के लिए कांग्रेस के मंसूबे का दही-कांदा कर सकते हैं क्या..? वैसे अगर भाजपा उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेगी तो उनके पास सीनियर पार्षद कैलाश देवांगन का प्रबल दावा रहेगा और कुछ लोगों का मानना है की रणनीति के तहत कोमल सिंह ठाकुर को भी चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है…
अब देखना यह है कि नगर पालिका में उपाध्यक्ष के ताज के लिए किसका भाग्य उदय हो सकता है…?
तब तक के लिए नारायण नारायण…😊


