महिला और पुरुष जनप्रतिनिधि में संख्या है बराबरी की
जनता से चुनकर पहली बार नगर पालिका जा रहे अध्यक्ष सहित 10 पार्षदो के बारे में जानिए… नारदमुनि की नजर से
बृजपाल सिंह हूरा…✍️

तखतपुर। नगर पालिका चुनाव के बाद नगर पालिका के नए परिषद में नगर पालिका अध्यक्ष सहित 10 पार्षद पहली बार नगर पालिका परिषद में पहुंचे हैं और इस बार नगर पालिका की अध्यक्ष सहित 15 पार्षदों की 16 सदस्य टीम में 8 महिलाएं हैं। यह पहली बार ऐसा होगा कि परिषद में महिला और पुरुष 50-50 प्रतिशत में है।
मिलिए इनसे जो तखतपुर नगर पालिका नई परिषद टीम में जनता के दरबार से हुक्म लेकर पहली बार कदम रख रहे है…👇

सास ससुर की प्रेरणा और आशीर्वाद से पूजा ने राजनीति में आने का बढ़ाया कदम…

तखतपुर नगर पालिका में पहली बार में ही अध्यक्ष बनकर जा रही श्रीमती पूजा मक्कड़ इंग्लिश में M.A. करने के साथ-साथ इंग्लिश लिटरेचर में पीएचडी की हुई है। मजबूत राजनीतिक घराने की बड़ी बहू होने के साथ-साथ यह एक सक्षम और सफल गृहणी है। घर परिवार का राजनीतिक परिवेश वातावरण ही इनकी राजनीति शिक्षा का सबसे बड़ा मंदिर रहा है। माता-पिता तुल्य सास ससुर की प्रेरणा और आशीर्वाद प्राप्त कर ही राजनीति में अपने कदम आगे बढ़ाने वाली पूजा मक्कड़ को पहली बार में ही अध्यक्ष के रूप में जनता का भरपूर प्यार स्नेह यह जताता है कि इनसे तखतपुर नगर को बहुत सारी अपेक्षाएं हैं। इनका भी मानना है कि वे सभी के सहयोग समर्थन से तखतपुर को कुछ अच्छा और सार्थक देने का प्रयास करेंगी।
परिवार की प्रेरणा से राजनीति में आगे आई गौरी

तखतपुर वार्ड क्रमांक 1 से पहली बार पार्षद बनी गौरी अजय देवांगन के पास राजनीति अनुभव यही है कि 5 साल इनकी सास पार्षद रही और 5 साल उनके पति अजय देवांगन नगर पालिका अध्यक्ष रहे। उनके ही छत्र छाया एवं प्रेरणा से यह राजनीति में आई। एम ए राजनीति शास्त्र की शिक्षा प्राप्त गौरी अजय देवांगन विशुद्ध रूप से एक गृहणी है और धार्मिक आयोजनों में इनकी काफी भागीदारी रहती है। वार्ड से इन्हें जबरदस्त समर्थन मिला और यह भी वार्ड क्रमांक 1 के लिए बहुत अच्छा करने को तत्पर है।
धार्मिक सामाजिक गतिविधियों से जगा अनुपमा में नेतृत्व क्षमता का विश्वास

वार्ड क्रमांक 2 में अपनी जीत के साथ एक नया इतिहास रचने वाली श्रीमती अनुपमा अभिषेक पांडेय एमए अंग्रेजी एवं LLB शिक्षा प्राप्त वकालत रजिस्टर्ड है। पिछली हार से सबक लेते हुए एक असंभव को संभव कर देने वाली विजेता बनकर अनुपमा अभिषेक पांडेय सामाजिक धार्मिक कार्यों में महिला समूह के साथ काफी सक्रिय रहती हैं और यही इनकी लोकप्रियता और सफलता का सबसे बड़ा मापदंड बना है। इनके पति अभिषेक पांडेय सहित पूरे परिवार के संबल ने ही इन्हें राजनीति में फिर से खड़े होने का अवसर दिया है। वार्ड 2 में यह कुछ नया करके दिखाना चाहती है।
हार के उपहास को शैलेन्द्र ने बनाया अपने इरादों का मजबूत हथियार

पिछले पार्षद चुनाव में अपनी हार से सबक लेकर और लोकसभा चुनाव में हार पर सर मुंडा किए जाने के उपहास को ही अपना हथियार बनाकर फिर से राजनीति में खुद को साबित कर दिखाने के शैलेन्द्र निर्मलकर के हौसलों पर टेकचंद कारड़ा जैसे सारथी मिल जाने से इन्होंने वार्ड क्रमांक 4 में चमत्कार करके दिखा दिया। MA इतिहास शिक्षित एवं हाई स्कूल में शालानायक एवं महाविद्यालय में सह सचिव रहने वाले शैलेंद्र निर्मलकर वार्ड क्रमांक 4 के लिए एक अच्छी सोच और प्लानिंग रखे हुए हैं।
सतनाम महासंघ के 10 वर्ष अध्यक्ष रह चुके हैं सुनील जांगड़े

वार्ड क्रमांक 5 की मजबूत चक्रव्यूह को भेद कर खुद को मुकद्दर का सिकंदर साबित करने वाले सुनील जांगड़े बीकॉम डीसीए शिक्षित है और यह तखतपुर सतनाम महासंघ के 10 वर्ष के अध्यक्ष रहते हुए वर्तमान में छत्तीसगढ़ महासंघ के जिला उपाध्यक्ष भी है। वार्ड क्रमांक 5 में विकास की गंगा बहाने की अच्छी सोच रखे हुए हैं।
वार्ड 6 को हो गया इस्लाम कबूल..

पिछले संघर्षपूर्ण मुकाबले में हार का सामना किया बीएससी गणित शिक्षित इस्लाम अंसारी ने आखिरकार खुद की योग्यता और मेहनत को साबित करते हुए गरीब के पसीने की एक बहुत बड़ी जीत बताया है.. पेशे से दर्जी (फाइन टेलर) इस्लाम अंसारी वार्ड क्रमांक 6 में अपने जन-आधार को और भी मजबूत रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
हंसते खेलते खेलते ही जसप्रीत बन गई पार्षद..

जीवन में कभी सपने में भी नहीं सोचा था की राजनीति में आगे आकर कभी पार्षद चुनाव भी लड़ सकती हूं इस सोच ख्याल रखने वाली जसप्रीत रमन हूरा m.com शिक्षित होने के साथ-साथ एक सफल गृहणी और धार्मिक सामाजिक गतिविधियों में काफी एक्टिव रहने वाली को उनके पति रमन हूरा की प्रेरणा से पार्षद चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला और वह हंसते खेलते ही न सिर्फ पार्षद चुनाव लड़ी बल्कि एक बड़ी चुनौती को पार करके वार्ड क्रमांक 7 में 35 वर्षों के बाद पंजा चुनाव चिन्ह को विजेता बनाया है। इनका मानना है कि वार्ड क्रमांक 7 को अपने परिवार की तरह ही संभाल कर रखेंगी।
पांचवी तक शिक्षित अंजू बन गई पहली बार में ही पार्षद..

शिक्षा ही तरक्की का माध्यम है कि मिथक को तोड़ते हुए अंजू सुरेश देवांगन ने यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादों और मेहनत लगन से भी आगे बढ़ा जा सकता है। पहली बार पार्षद बनी अंजू सुरेश देवांगन एक सफल गृहणी होने के साथ-साथ परमेश्वरी महिला समिति में भी काफी सक्रिय रहती हैं।
अधिवक्ता चंद्रप्रकाश जनता से चुनकर बन गए पार्षद..

MA राजनीति LLB शिक्षित चंद्रप्रकाश देवांगन स्कूल कॉलेज जमाने से ही एनएसयूआई की छात्र राजनीति में जुड़े रहे। एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष रहे। सामाजिक गतिविधियों में इनकी सक्रियता ही इनके सफलता का आधार बनी है। यह पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल में एल्डरमैन भी रह चुके हैं। वार्ड 11 में यह अपनी पूरी ऊर्जा झोंक कर खुद को स्थाई पार्षद बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कुंवारे अंकित अग्रवाल ने पहली ही बॉल में मार दिया सिक्सर

हिंदुत्व विचारधारा के प्रबल समर्थक एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में नगर मंत्री रहे अंकित अग्रवाल ने वार्ड 12 में एक ऐतिहासिक और बड़ी जीत दर्ज की है। बीकॉम तक शिक्षित अंकित अग्रवाल गुल्लू पेशे से राइस मिलर भी है और अपनी सेवा भावना से वार्ड 12 में विकास की एक नई मीनार खड़ी करने के लिए संकल्पित है।
संयुक्त परिवार की बहु पूजा गुप्ता वार्ड 13 के परिवार में हो गई शामिल

पिछली हार के बावजूद भी लगातार वार्ड 13 में सक्रिय रहने का परिणाम यह मिला कि यहां इन्हें वार्ड वासियों का भरपूर समर्थन मिला है। MA इतिहास शिक्षित पूजा गुप्ता लायनेस क्लब की अध्यक्ष रह चुकी है तथा वे योगा टीचर डांस की टीचर भी रह चुकी है। सामाजिक धार्मिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहने वाली पूजा गुप्ता ने शिक्षा के प्रति अपने बेटे को भी प्रेरित करते हुए डॉक्टरी परीक्षा पास करा कर एमबीबीएस शिक्षा दिला रही है। साथ ही संयुक्त परिवार में अपनी बुजुर्गों की सेवा कर एक अच्छी बहू का धर्म निभाते हुए वार्ड 13 में अच्छे विकास की बात कह रही हैं।

11 नए लोगों में जहां पहली बार नगर पालिका जाकर कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो वही पुराने लोग अपने अनुभवों के आधार पर नए सदस्यों को पूरी तरह से सहयोग और मार्गदर्शन देने की बात कह रहे हैं। तखतपुर नगर क्षेत्र वासियों में भी नए एवं प्राय: युवा टीम से बहुत उम्मीदें हैं। विशेष कर महिलाओं की संख्या पहली बार इतनी होने से ऐसा माना जा रहा है कि नगर की व्यवस्था में वह एक नई क्रांति ला सकती है।
अब देखना यह है कि नए जनप्रतिनिधियों के जोश और पुराने जनप्रतिनिधियों के अनुभवों के निचोड़ से यह तखतपुर नगर मूलभूत विकास की सुविधाओं से कितना सराबोर और तरबतर हो सकेगा…
तब तक के लिए नारायण नारायण….😊
