तखतपुर नगर पालिका का चुनाव 1990 में पहली बार हुआ
कुल 10 वार्ड थे तखतपुर में और पूरे अविभाजित मध्यप्रदेश में सिर्फ तखतपुर में हुआ था चुनाव
तखतपुर (बृजपाल सिंह हूरा)
वर्ष 2024 आरंभ होते ही अब आगामी नगर पालिका चुनाव की उल्टी गिनती आरंभ हो गई है.. इसी के साथ आपको बताते चले कि कैसे और कब? तखतपुर नगर पालिका का चुनाव पहली बार हुआ… कैसा रहा वो पंचवर्षीय और कौन कौन से चेहरे तखतपुर नगर पालिका के प्रथम निर्वाचित चेहरे रहे..
नगर पालिका तखतपुर में चुनाव को शुरुआत सन् 1990 में हुई। इससे पहले प्रदेश सरकार द्वारा मनोनीत टीम ही म्युनिसिपल में कार्यरत रहती थी। सूत्र बताते हैं कि सागरमल अग्रवाल ने तखतपुर नगर पालिका में चुनाव कराने हेतु जबलपुर हाईकोर्ट में एक पिटीशन दाखिल किया था उसी के परिणाम स्वरूप तखतपुर में चुनाव हुआ और सागरमल अग्रवाल ही पार्षदों द्वारा हुए चुनाव में तखतपुर नगर पालिका के प्रथम अध्यक्ष बने। अविभाजित मध्यप्रदेश में तखतपुर नगर पालिका में ही बस चुनाव हुआ था। इसमें तखतपुर नगर में कुल 10 वार्ड हुआ करते थे और पार्षदों के द्वारा ही अध्यक्ष का चुनाव होता था। इस दौर में नगर पालिका अध्यक्ष का प्रत्याशी पार्षदों से बाहर का भी हो सकता था। यह पंचवर्षीय बहुत ही उठापटक वाला रहा। पार्षदों के द्वारा नगर पालिका के तीन अध्यक्ष बनाए गए और एक कार्यवाहक अध्यक्ष भी रहा। सन् 1990 में नगर पालिका पार्षदों का चुनाव पहली बार हुआ और मतदान पार्टी चुनाव चिन्ह पर ही हुआ।
जिसमें चार्ड क्रमांक 1 से भाजपा के नारायण गोरे सिंह ठाकुर पार्षद पार्षद चुनाव जीते, निकटतम प्रतिद्वंदी रामफल ठाकुर रहे।
वार्ड क्रमांक 2 से उस्मान भाई ऐबानी कग्रिस प्रत्याशी के रूप में विजई हुए। निकटतम प्रतिद्वंदी जनता दल के किशोर कटेलिया एवं भाजपा के राधेश्याम जोशी रहे।
वार्ड क्रमांक 3 से कांग्रेस के विंसेंट दौवा बेनेट 3 वोटों से पार्षद का चुनाव जीते। निकटतम प्रतिद्वंदी आबिद अली शाम एवं सुरेश पाठक रहे।
वार्ड क्रमांक 4 से कांग्रेस के शब्बीर भाई वनक चुनाव जीते, यहां से निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के मधुसूदन तंबोली रहे।
वार्ड क्रमांक 6 से निर्दलीय प्रत्याशी हरजीत सिंह मक्कड़ चुनाव जीते, निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के लाल बाबू देवांगन, कांग्रेस के मनमोहन देवांगन, चुटकू देवांगन रहे।
वार्ड क्रमांक 7 से कांग्रेस प्रत्याशी कमल कांत मिश्रा चुनाव जीते, निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के जगजीत सिंह मकड़ रहे।
वार्ड क्रमांक 8 से भाजपा प्रत्याशी भागवत प्रसाद पांडेय चुनाव जीते, निकटतम प्रतिद्वंदी बसंत पांडेय रहे।
वार्ड क्रमांक 9 बेलसरी से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कोसले चुनाव जीते, यहां से निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के अशोक मेरसा एवं जनता दल के रामदत हिंडोरे रहे।
वार्ड क्रमांक 10 बेलसरी से भाजपा प्रत्याशी इंद्र कुमार शास्त्री जीते, निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हूरा एवं लखन श्रीवास रहे।
बहुमत के बावजूद कांग्रेस हारी अध्यक्ष पद
पार्षदों के द्वारा अध्यक्ष का चुनाव हुआ। पार्षद संख्या में कांग्रेस के पास बहुमत था। जिसमें कांग्रेस ने उस्मान भाई को अपना प्रत्याशी बनाया। वहीं भाजपा ने पार्षदों से बाहर सागरमल अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया। पार्षदों की संख्या में कुल 10 वार्डों में कांग्रेस 5, भाजपा 4 और एक निर्दलीय की संख्या रही। नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव से पहले निर्दलीय हरजीत सिंह मक्कड़ ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अध्यक्ष चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सागरमल के खिलाफ कांग्रेस ने उस्मान भाई को प्रत्याशी बनाया। उपाध्यक्ष चुनाव के लिए भाजपा से हरजीत सिंह मक्कड़ प्रत्याशी बने तो कांग्रेस से कमल कांत मिश्रा प्रत्याशी रहे। चार पार्षदों और एक निर्दलीय समर्थन से भाजपा और कांग्रेस की संख्या 5/5 की हुई। रिजल्ट जब निकला तो 6 वोट बीजेपी को मिले और 4 वोट कांग्रेस को मिले। सागरमल अग्रवाल नगर पालिका प्रथम अध्यक्ष और हरजीत सिंह मक्कड़ उपाध्यक्ष बने। इस दौर में बहुमत में होने के बावजूद भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा जिस वजह से इसकी गूंज पूरे अविभाजित मध्य प्रदेश में रही क्योंकि प्रदेश में सिंगल तखतपुर में चुनाव हुआ था जिस वजह से पूरे प्रदेश के नेताओं की नजरे तखतपुर नगर पालिका चुनाव में थी।
ढाई ढाई वर्ष का था फार्मूला
उस दौर में ढाई वर्ष का अध्यक्ष का कार्यकाल रहता था। ढाई वर्ष उपरांत फिर से अध्यक्ष का चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह हुरा एवं भाजपा प्रत्याशी अर्जुनलाल पाठक रहे। दोनों प्रत्याशी पार्षदों की टीम से बाहर के थे। इस चुनाव में भूपेंद्र सिंह हूरा कांग्रेस के प्रथम निर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष बने। एक बार फिर से पार्षदों का उलट फेर हुआ और इस बार कांग्रेस की रणनीति सही निशाने पर लगी। पांच पार्षद वाले कांग्रेस को जहां ढाई साल पहले 4 वोट मिले थे, इस बार 6 वोट मिले और मजेदार स्टोरी यह रही कि उपाध्यक्ष पद में भाजपा के हरजीत सिंह मक्कड़ ही चुनाव जीते। हालांकि कुछ समय बाद अविश्वास के माध्यम से उपाध्यक्ष से हरजीत सिंह मक्कड़ को हटा दिया गया। 18 महीने बाद भूपेंद्र सिंह हुरा द्वारा इस्तीफा दे दिया गया। सुरेंद्र कोसले कार्यवाहक अध्यक्ष बने। इसके बाद शब्बीर भाई वनक नगर पालिका अध्यक्ष बने।
पहली बार ऐसा हुआ कि पार्षद चुनाव हारा व्यक्ति अध्यक्ष चुना गया
तखतपुर नगर पालिका इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि पार्षद चुनाव हारने के बाद इसी पंचवर्षीय कार्यकाल में वे अध्यक्ष के प्रत्याशी बने और निर्वाचित भी हुए। 1990 के पंचवर्षीय नगर पालिका आम चुनाव में वार्ड क्रमांक 10 से भूपेंद्र सिंह हूरा को पार्षद के रूप में हार का सामना करना पड़ा लेकिन ढाई वर्ष बाद कांग्रेस ने उन्हें अध्यक्ष प्रत्याशी बनाया और वह अपने चाणक्य नीति से चुनाव जीतने में कामयाब हुए। बताया जाता है की इस चुनाव को भूपेंद्र सिंह हूरा ने अपने फार्मूले से ही जीता था।
इस पंचवर्षीय कार्यकाल में नगर पालिका में संयोजन के रूप में श्रीमती बसंत पांडेय कांग्रेस से एवं भाजपा से विनोद पांडेय की नियुक्ति रही। जिन्हें आज एल्डरमैन भी कहा जाता है।
तखतपुर नगर राजनीति के अखाड़ा केंद्र माने जाने वाले नगर पालिका का चुनाव इस वर्ष के अंत तक संभव है.. तब तक हम आपको समय-समय पर नगर पालिका से जुड़े कई चुनावी राजनैतिक रोचक तथ्यों के साथ-साथ पुराने इतिहास की भी प्रस्तुति देते रहेंगे…
तब तक के लिए नारायण नारायण…😊