सज गया है नगर सरकार बनाने के कुरुक्षेत्र का मैदान, योद्धाओं के उतरने का हो रहा इंतजार..

सज गया है नगर सरकार बनाने के कुरुक्षेत्र का मैदान, योद्धाओं के उतरने का हो रहा इंतजार..

छत्तीसगढ़ राज्य बनने से लेकर अब तक अजय देवांगन को छोड़, नारी शक्तियों का ही रहा है तखतपुर में कबजा..

बृजपाल सिंह हूरा..✍️

तखतपुर। तखतपुर नगर में नई सरकार बनाने का जिम्मा आरक्षण ने नारी शक्तियों के हाथों में दे दिया है और उस पर सोने पर सुहागा यह है कि इसमें कोई वर्ग विशेष जाति का बंधन नहीं है.. नारी शक्तियां रसोई घर से निकलकर खुलकर तखतपुर नगर की प्रथम नागरिक कहलाने का हकदार बनकर अपना दावा ठोक सकती हैं और पुरुष प्रधान इस समाज में अपनी महत्ता और गुणवत्ता का दांव तखतपुर नगर राजनीति के चौसर पर लगा सकती है।

     वैसे भी देखा जाए तो तखतपुर नगर सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य बनने से लेकर अब तक 25 वर्ष के इस रजत जयंती वर्ष में 5 पंचवर्षीय में नगर सिरमौर का ताज नारी शक्तियों ने ही उठाया है। जिसमें तीन पंचवर्षीय तो श्रीमती सुरेंद्र कौर मक्कड़ के नाम पर है तो एक पंचवर्षीय में श्रीमती पुष्पा मुन्ना श्रीवास (4 वर्ष) और श्रीमती अमरिका कृष्ण कुमार साहू ने (1 वर्ष) का कार्यकाल नगर सरकार प्रमुख के रूप में व्यक्त किया है। नगर सरकार में पुरुष के रूप में छत्तीसगढ़ बनने के बाद इकलौते अजय देवांगन ही है जिन्होंने नगर सरकार प्रमुख के रूप में अपना पंचवर्षीय कार्यकाल पूर्ण किया है।

           अब एक बार फिर से जब आरक्षण में अनारक्षित महिला के रूप में तखतपुर नगर पालिका अध्यक्ष का पद तय हो गया है तो यहां अब हर किसी को मैदान में उतारने का पूरा मौका मिल गया है और देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस दोनों से ही दावेदारों की सूची मजबूती से बढ़ती जा रही है।

वंदना बाला सिंह

    भाजपा से जहां वंदना बाला सिंह के नाम को लगभग पिछले 1 साल से बहुत तेजी से आगे बढ़ते देखा गया है और विधायक धर्मजीत सिंह की नजदीकी पारिवारिक संबंधों का भी इन्हें लाभ मिल सकता है। बीते 5 वर्षों से यह नगर पालिका उपाध्यक्ष के रूप में अपनी सक्रियता से अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुकी है।

सरला बंशी पांड़े

   इसी क्रम में सरला बंशी पांड़े का नाम निःसंदेह एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में माना जा रहा है। इनके साथ इनका अपना सरल सौम्य व्यक्तित्व होने के साथ-साथ बंशी पांड़े के राजनीतिक अनुभव और उनकी पाक स्वच्छ छवि सोने पर सुहागा का काम करेगी।

सोनाली दिनेश राजपूत

     पढ़ी लिखी LLB शिक्षित सोनाली दिनेश राजपूत का नाम एक युवा नेतृत्व के रूप में बहुत तेजी से सामने आया है और इन्हें दिनेश राजपूत की सुपुत्री, भाजपा के वरिष्ठ दिग्गज नारायण गोरे सिंह ठाकुर की नातिन होने का लाभ मिलने के साथ-साथ इनमें स्वयं में भी राजनीतिक कौशलता की अकूत क्षमता है। माना जा रहा है कि अगर इन्हें प्रत्याशी बनाया जाता है तो युवा वर्ग का एक बहुत बड़ा चैनल उनके साथ इनके विजय रथ पर सवार हो सकता है। दिनेश राजपूत की लोकप्रियता, जन-जन से संपर्क का लाभ के साथ गांव घर की बेटी होने का भी अच्छा खासा फायदा सोनाली राजपूत को मिल सकता है।

रजनी ईश्वर देवांगन

    रजनी ईश्वर देवांगन के नाम भी मजबूत दावेदारी की श्रेणी में शामिल है। चार बार के पार्षद ईश्वर देवांगन की नगर में सक्रियता और नगर राजनीति में इनका संघर्ष और जुझारूपन से तखतपुर नगर का हर मतदाता वाकिफ है। रजनी देवांगन की महिलाओं में अच्छी पकड़ भी उनके सशक्त दावेदारी में सार्थक और लाभदायक सिद्ध होगी।

पूजा आत्मजीत मक्कड़

  कांग्रेस खेमे से जनता की पसंद के रूप में श्रीमती पूजा मक्कड़ का नाम एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में देखा जा रहा है। मक्कड़ परिवार की तखतपुर राजनीति में पकड़ और नगर में कराए गए विकास कार्यों का उल्लेख करना भी सूरज को दीपक दिखाने के समान होगा। नगर राजनीति में पार्टी से भी ऊपर उठकर मक्कड़ खेमा एक ब्रांड है जिसका लाभ कांग्रेस पार्टी अगर उठाना चाहेगी तो पूजा मक्कड़ के रूप में अवश्य उन्हें प्रत्याशी बनाएगी।

सुकन्या बिहारी देवांगन

     कांग्रेस में अपनी सक्रियता से लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ाने वाले बिहारी देवांगन कांग्रेस के तेजी से उभरते वह नाम है जो किसी भी चुनाव के परिणाम को अब पलटने का दम रखते हैं। सुकन्या बिहारी देवांगन अपने सामाजिक वोट बैंक के साथ-साथ बिहारी के जनाधार और कांग्रेस मतों के सहारे कड़ी टक्कर देने की मजबूत स्थिति में है।

गौरी अजय देवांगन

   कांग्रेस से गौरी अजय देवांगन की दावेदारी भी अपने जातिगत वोट समीकरण के आधार पर एक मजबूती और ठोस आधार के साथ सामने आ सकती है। देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में बीते 25 वर्षों में तखतपुर से इकलौते पुरुष नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में एवं अपनी उपलब्धियां के साथ अजय देवांगन ने अपना पंचवर्षीय कार्यकाल पूरा किया था और नगर की जनता ने उस दौर में एक तरफा मतदान करके उनके प्रति अपना समर्थन दिया था। इस मैजिक के सहारे गौरी अजय देवांगन की मजबूत दावेदारी कांग्रेस से अध्यक्ष के रूप में बनी हुई है.. अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इन पर दांव लगाने की स्थिति में है।

पुष्पा मुन्ना श्रीवास

4 वर्षों तक नगरपालिका में अध्यक्ष के रूप में काम करने वाली श्रीमती पुष्पा मुन्ना श्रीवास अपने चार वर्ष के विकास कार्यों और बिना किसी विवाद के नगर पालिका कार्यकाल पूर्ण करने के आधार पर भी अपने दावे को एक ने मजबूत दावेदार के रूप में पेश कर सकती हैं और अगर कांग्रेस इन्हें मौका देता है तो यह मजबूती से मैदान में टिककर चुनाव युद्ध के लिए तैयार है। मुन्ना श्रीवास की मिलनसारिता और लोगों के दुख सुख में उनकी सहभागिता इनके लिए अतिरिक्त बोनस का काम करेगी।

अनुपमा अभिषेक पांडेय

इन सबसे परे हटकर कांग्रेस खेमे से अनुपमा अभिषेक पांडेय का नाम बीते महीने में जिस तेजी से आगे आया है और इस नाम को लेकर जो समीकरण बन रहे हैं उससे कांग्रेस की एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में इन्हें देखा जा सकता है। कांग्रेस के परंपरागत वोटो के साथ-साथ वार्ड क्रमांक 1, 2 एवं 3 के भाजपा वोटो पर भी सेंध लगाने को सक्षम है तथा जातिगत वोट भी यह कांग्रेस में लाकर कांग्रेस को मजबूत स्थिति में खड़ा करने का दम रखती है।

         अब देखना यह है कि चुनाव आते-आते और कितने दावेदार मैदान में ताल ठोकने के लिए उतरेंगे और कितने ताल ठोक चुके दावेदार अचानक से अध्यक्ष दीर्घा से पार्षद दीर्घा की ओर अपना रुख करेंगे..
       तब तक के लिए नारायण नारायण….😊

error: Content is protected !!