…नहीं तो दिवाली में ही निकल जाता कई का दीवाला..

…नहीं तो दिवाली में ही निकल जाता कई का दीवाला..

नगर पालिका चुनाव में हो रहे विलंब से कई लोगों की दिवाली फीकी और सूनी….

बृजपाल सिंह हूरा…✍️

तखतपुर। जब जब नगर पालिका चुनाव हुआ है.. ऐसे अवसरों पर दीपावली का पर्व नजदीक रहता है.. जिस वजह से संभावित दावेदार और प्रबल उम्मीदवार सभी के सभी के आसपास मधुमक्खी के छाते की तरह चुनावी लुटेरे मंडराते रहते थे और चुनावी दावेदारों के बजट का सत्यानाश कर देते थे….😆

इस वर्ष भी नवंबर दिसंबर में नगर पालिका का चुनाव होना था किंतु अभी तक चुनाव की कोई सुगबुगाहट या दिन तारीख समय की दिशा में सरकार या आयोग की ओर से कोई इशारा भी नहीं हुआ है तो ऐसे में सामने खड़ी दिवाली कई लोगों के लिए मायूसी और उदासी का सबब बनी हुई है…

       ऐसे कुछ चुनावी लुटेरो का मानना है कि अगर सही समय में चुनावी शॉट की तैयारी रहती तो हमारी जमकर दिवाली हुई रहती… मगर चुनाव की संभावना अब पंचायत के साथ होने की जताई जा रही है तो ऐसे में जनवरी-फरवरी तक का इंतजार हो जाएगा और ना उसमें दिवाली मिलेगी ना होली…

         वैसे खबरों के मुताबिक कई ठोस और मजबूत दावेदारों ने जिन्हें अपनी दावेदारी और उम्मीदवारी पर पक्का भरोसा और विश्वास है उनके द्वारा गोपनीय ढंग से अपने नजदीकियों की दिवाली जमकर मनवाई जा रही है.. यह अलग बात है कि फगिड्डा टाइप के दावेदार या हितग्राही दोनों को ही इस दिवाली में ठन ठन गोपाल बने हुए हैं और सिर्फ खबरों में रहने के लिए दावेदारी करने वाले तो चुनाव में गंगा जमुना बहा देंगे का नारा लगाते हुए फिलहाल दिवाली में तो फुस्सी बम साबित हो रहे हैं….

     अब देखना यह है कि दिवाली हो या होली, अपनी दावेदारी उम्मीदवारी को मजबूत और सशक्त मानकर चलने वालों के द्वारा अपने लोगों को किया जा रहे हैं मेंटेनेंस का असर और प्रभाव उन्हें तखतपुर नगर की राजनीति की किस ऊंचाई तक बिठा पाता है.

      तब तक के लिए नारायण नारायण….😊

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