क्या तखतपुर नगर पालिका में मनोनयन की स्थिति बन सकती है..?

क्या तखतपुर नगर पालिका में मनोनयन की स्थिति बन सकती है..?

परिसीमन पर स्टे को लेकर चौक चौराहों में चल रहा तर्क और दावें…

क्या कांग्रेस अपने ही चले मोहरें के हाथों मात खा सकती है..?

बृजपाल सिंह हूरा…✍️

तखतपुर। परिसीमन पर लगे स्टे की खबर, आर्डर कॉपी के सार्वजनिक नहीं होने और विधि संगत स्पष्ट जानकारी के अभाव से लोगों में भ्रम और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिस पर चौक चौराहों की चर्चाओं पर अगर गौर किया जाए तो परिसीमन पर स्टे पर अलग-अलग तर्क और अपने-अपने तरीके से लोग इस पर अपना विचार रखते हुए भविष्य की राजनीति की घोषणा कर राजनीतिक ज्योतिषी भी बन गए हैं।
     तखतपुर नगरपालिका चुनाव परिपेक्ष्य में परिसीमन पर स्टे लग जाने का अलग-अलग लोगों का अलग-अलग तर्क सामने आ रहा है… कुछ लोगों का मानना है कि परिसीमन पर स्टे लग जाने से जो परिसीमन किया जा रहा था, वह रद्द होकर पुराना ही यथावत रहेगा.. इसे कांग्रेस अपनी बड़ी जीत निरूपित कर प्रचारित भी कर रही है..

        वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि परिसीमन का अंतिम प्रकाशन हो चुका था और स्टे का तात्पर्य होता है कि जो जिस पोजीशन में है अब यथावत ही रहेगा.. ऐसे लोगों की मानें तो उनके विचार यह है कि परिसीमन का नक्शा अंतिम प्रकाशन आ चुका था उसके बाद स्टे लगने का मतलब यह है कि अब वह यथावत ही रहेगा..

        वही एक महत्वपूर्ण तर्क यह भी सामने आया है कि परिसीमन पर स्टे अगर लगा रहा है तो आगामी नगर पालिका चुनाव भी टल सकता है? यह तथ्य और तर्क चौंकाने वाला अवश्य है पर लोगों ने अपने तर्क में कहा कि अगर स्टे लगा रहता है तो चुनाव की स्थिति बनेगी ही नहीं क्योंकि बिना परिसीमन के मतदाता सूची नहीं बनेगी तथा मतदाता सूची के बिना चुनाव की स्थिति हो ही नहीं सकती और ऐसी स्थिति में शासन को मनोनयन का अधिकार मिल जाएगा। जिससे तखतपुर नगरपालिका अध्यक्ष सहित पूरे 15 वार्डों में भाजपा के लोगों को मनोनीत किया जा सकता है। इस तर्क में तो एक भाजपा नेता ने कहा कि इस संभावना से इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर चुनाव कैंसिल होता है तो सरकार अपने लोगों को यहां मनोनीत कर सकती है। उन्होंने दबी जुबान से यह भी कहा कि अगर यह स्थिति बनती है तो इसके लिए हम कांग्रेस जनों को ही धन्यवाद देते हैं। इस तर्क में यह भी बताया गया कि बरेला नगर पंचायत में सरपंच के स्थान पर भाजपा ने अपने लोगों को प्रमुख पदों पर बिठाया है साथ ही तखतपुर नगर पालिका में भी अविश्वास प्रस्ताव के बाद सरकार द्वारा अमरिका कृष्ण कुमार साहू को अध्यक्ष के लिए मनोनीत किया गया है। राजनीतिक भविष्यवक्ताओं की माने तो अगर यह स्थिति बनती है तो तखतपुर नगर पालिका अध्यक्ष के पद के लिए भाजपा में ही संघर्ष तेज हो जाएगा और कृष्ण कुमार साहू, वंदना बाला सिंह, बंशी पाड़े, दिनेश राजपूत, शिप्रा संकेत सैमुअल आदि कुछ नाम ऐसे हैं जिनका नाम मनोनयन की बोतल से जिन्न की तरह निकल सकता है…
       अब देखना यह है कि परिसीमन पर स्टे का प्रभाव आने वाले दिनों में अपने किस रूप में सामने आकर तखतपुर की राजनीति को गर्म कर सकता है…
      तब तक के लिए नारायण नारायण…..😊

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