पुलिस का सायरन सुनते ही पत्तेबाज कांटों के खेत में कूद पड़े…

पुलिस का सायरन सुनते ही पत्तेबाज कांटों के खेत में कूद पड़े..

बृजपाल सिंह हूरा..✍️


तखतपुरकांटा लगा हाय लगा…. यह बहुचर्चित गाना आज शहर में एक बार फिर से चर्चा में तब आ गया जब सत्ता से बाहर हुए नेता टाइप के लोग ठलहा होकर इन दिनों जमकर पत्ता लगा रहे थे और रूटीन राउंड में निकली पुलिस का सायरन सुनते ही धड़ाधड़ पैसा पत्ता समेटकर नेता टाइप के खिलाड़ी और नालदार पटाटोर भाग निकले… रात के अंधेरे में पता नहीं चला कि वह कांटों से भरे खेत में जा कूदे और बुरी तरह से कांटा कुटी होकर जख्मी भी हुए पर पुलिस का भय इतना ज्यादा था कि अपने शरीर के जख्म को भुलाते हुए वे अनजान अंधेरे में तब तक भागते रहे जब तक सायरन सुनाई देना बंद नहीं हुआ… बताया जाता है कि नगर के थोड़ा बाहरी इलाके के एक पेट्रोल पंप के आसपास क्षेत्र में यहां नालदारों के द्वारा पूरी व्यवस्था के साथ बिठाया जाता है और तखतपुर नगर के नामी गिरामी चेहरे 52 परी के नाच में जमकर गांधी उड़ाते हैं… बड़े फड़ का अनुमान इसी बात पर है प्रति बैठकी 10 हजारी के आसपास का तो सिर्फ नाल ही निकल जाता है.. सत्ता से बाहर हुए चेहरे की भीड़ के बीच में कुछ नए सत्ताधारी चेहरों पत्ते बाजों को भी बुला लिया जाता है ताकि कभी कभार कोई ऊंच नीच हो तो इनके आगोश में ही हम बच निकले पर वहां तो एक से एक इतने बहादुर लोग बैठे थे कि पुलिस गाड़ी का सायरन सुनकर ही यह भी पता नहीं किए कि यह हमें पकड़ने आ रही है या कहीं और जा रही है.. बस! कूदा कूद मच गया.. भागम भाग मच गया.. अंधेरे में कांटा कुटी होते हुए कई पानी की टंकी में भी जा गिरे.. मगर पुलिस के डर में उनके भागने का हौसला इतना बुलंद था कि इन्हें कोई बाधा अड़चन भी रोक नहीं पाई और यह तीन-चार किलोमीटर भागने के बाद ही चैन की सांस लिए है… सूत्र बताते हैं कि इन्हीं में से कोई गुप्तचर बनकर छोटे वर्दीधारियों से पता कर रहे थे कि जुआ पकड़ने आए थे या कहीं और जा रहे थे….😊

तुम मुझे टिकट दो.. मैं तुम्हें कांग्रेस की अपनी निष्ठा दूंगा…



      मां खादी की चादर दे दे मैं गांधी बन जाऊं… यह कविता पाठ प्राइमरी में पढ़ाया जाता था जिसका अर्थ अब एकदम फिट बैठ रहा है जब कोई कांग्रेसी यह कहता है कि अगर मुझे फलां वार्ड से टिकट दे दोगे तो मैं भाजपा में शामिल हो जाऊंगा…  कांग्रेसियों का भाजपाई करण होने का सिलसिला थमता हुआ दिख नहीं रहा है… ऐसा लगता है जैसे मानो कोरोना फैला हुआ है और भाजपा में जाने से वैक्सीन लग जाएगी जिससे कोरोना ठीक हो जाएगा…😄 इसी क्रम में पूर्व विधायक जी के परिवार सहित निकटस्थ बने रहने वाले एक बुलंद नेता ने तो यहां तक कहा कि मुझे अगर आगामी नगर पालिका चुनाव में वार्ड ✌️से टिकट दे दोगे तो मैं भाजपा में आज शामिल हो जाऊं… इसी आस उम्मीद में मैं लोकसभा में कांग्रेस के झंडे तक को नहीं छुआ है..  यह बात उन्होंने अपने करीबी नए नवेले भाजपा मित्र हरिराम से कहीं.. अब हरिराम इतनी बड़ी बात कहां तक संभाल कर रख सकते थे.. उन्होंने सीधा यह बात जेलर तक पहुंचा दी… अब उस वार्ड में ऑलरेडी पहले से ही दबंग नेता की पत्नी पार्षद सहित नपा के सम्मानित पद के रूप में भाजपा का झंडा लेकर खड़ी है.. ऐसे में तो उसने जब यह बात सुनी तो कहा कि मैं फिर क्या नपा चुनाव में आलू छिलूंगा.. अरे लड़ना है तो कांग्रेस टिकट पर ही आकर लड़ो.. वैसे भी आप जैसे ही लोगों की भाजपा में जरूरत भी नहीं है… वैसे बिन बरसात के भाजपा की नदिया में जो कांग्रेस का समुंदर टूट पड़ा है उसी से इतनी बाढ़ आ गई है, पता नहीं बरसात (चुनावी) मौसम आएगा तो कहीं भाजपा की नदिया में सुनामी ना आ जाए…
         अब देखना यह है कि पुलिस का सायरन सुनते ही दुम दबाकर कांटा के खेत में कूद कर भागने वाले खिलाड़ियों और नालदारों की अगली महफिल कब से कहां सजती है..? और अपनी कंडीशन में टिकट देने पर भाजपा प्रवेश की बात करने वालों का कब तक भगुवाकरण हो रहा है…?
        तब तक के लिए नारायण नारायण….😊

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