कांग्रेस में बह गई उलटी गंगा..

बृजपाल सिंह हूरा..✍️

कांग्रेस में बह गई उलटी गंगा…..


      कलफदार कुर्ता पजामा, गॉगल्स, गोल्डन चैन, मंच पर ठस जाना, AC गाड़ी कल्चर.. जैसे राजसी ठाठ बाट को मेंटेन करना अच्छे-अच्छे दावेदार प्रत्याशियों के कुर्सी को पसीने से भीगा दे जैसा हो जाता है… बीते विधानसभा चुनाव की करारी शिकस्त और कांग्रेस खेमे की कुंडी ताला तोड़कर भाग निकलने वाले कांग्रेसियों की बढ़ती संख्या के बावजूद भी वर्तमान लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेसी कार्यकर्ता के ठाट बाट रुतबा रुआब शेखी में कोई कमी नहीं आई… तभी शायद कांग्रेस के कथित घनघोर पतन के बाद भी इसके ग्लैमर में कमी नहीं आती है… बिना धन सुविधा के इस लोकसभा में भी बहुतेरे बंधुओ ने घर से बाहर कदम निकालना उचित नहीं समझा और ऐसे में कांग्रेस में उल्टी गंगा बहाने की बात तब समझ में आई जब युवा असरदार कांग्रेस नेता के सामने बूथ मैनेजमेंट की राशि कम का रोना रोए जा रहा था तो बात ही बात में ताल ठोकते हुए बाकी की कमी मेरे द्वारा पूरी कर दी जाएगी और बात यहीं खत्म हो गई होती तो लगता कि कांग्रेसी संस्करण ही चल रहा है… पर यहां तो उलटी गंगा तब बह गई जब युवा असरदार नेता ने अपनी तिजोरी खोलकर दम से किया बात के अनुसार राशि को देकर कांग्रेस कल्चर में एक नया भांगड़ा लगा दिया… जिसे तखतपुर के राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस में उल्टी गंगा की बहना निरूपित कर रहे हैं… वहीं कुछ लोगों का मानना है कि शायद अब कांग्रेस में भी बदलाव की हवा चल पड़ी है जिसका असर आगामी महीनों में दिखाई भी दे सकता है….

मेरी गड़ी लुक छुप पीछे से रेस..


     बचपन में एक खेल खेलते थे रेस टीप जिसमें प्रथम पकड़ाए छुपे हुए व्यक्ति के ऊपर अगली टर्म का दांव लगता था और वह चाहता था कि कैसे भी करके रेस हो जाए इसके लिए वह खुद को बचाने के लिए चिल्लाता रहता था मेरी गड़ी लुक छुप पीछे से रेस… बस ऐसा ही हाल इन दिनों की तखतपुर राजनीति में दिख रहा है… खुलकर कोई गद्दारी के लिए सामने आना नहीं चाहता पर हर किसी को गद्दारी के लिए उकसा कर रेस कराना चाह रहे हैं ताकि पार्टी वफादारी का गमछा लगाने के बाद अंदर ही अंदर नेताजी को छुत्ते पार कर दिया जाए और अपना जलवा बना रहे… पर भईये! आजकल तो पानी में… तो तुरंत उफल रहा है, ऐसे में जब छींके पादे की खबर लीक हो रही है तो इतना बड़ा ब्लास्ट कौन पचा कर रख सकता है.. यही वजह है कि ऐसी मानसिकता की कई नेताओं की तस्वीर भी अब फ्लैक्स पोस्टर से नीचे खिसकने लगी है और दावा किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मंडल कमंडल की नई संरचना से नए सूर्योदय होने का अनुमान है… कुछ लोग तो यह भी दावा कर रहे हैं कि अब मंडल कमंडल की घोषणा के बाद का सूर्योदय कही पश्चिम से ना हो जाए…

अबकी बार 400 पार…..


      अबकी बार 400 पार… इस नारे को भगवाधारी बड़े जोर-शोर से लगाते हैं… अब जबकि चुनाव खत्म हो चुका है और परिणाम के इंतजार में बैठे हैं तो ऐसे में सटोरिए टाइप के लोग भला शांत कहां रह सकते हैं… मोदी लहर की उम्मीद के साथ जहां कांग्रेसियों को हार जीत में दांव लगाने की खुली चुनौती दे रहे हैं.. वहीं मोदी लहर में सिटपिटाए बेचारे कांग्रेसी हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं… पर कुछ कांग्रेसियों ने नहले पर दहला मारते हुए एक नई चुनौती प्रस्तुत की और कहा कि 400 पार पर लगा लो… अब यहां पर सिटपिटाने की स्थिति भगवाधारियों की हो जाती है… मतलब कुल मिलाकर सन सननन सांय सांय… वाली ही स्थिति निर्मित हो रही है…

सवाल आपसे

👉  भाजपा मंडल अध्यक्ष के लिए तेजी से उभरे एक नाम से भाजपा के तंबू में ही घबराहट और छटपटाहट का वातावरण क्यों बन रहा है…?
                   अब चुनाव परिणाम तक ऐसी घबराहट छटपटाहट फटफटाहट सनसनाहट सुनाई दिखाई देती रहेगी…
       तब तक के लिए नारायण नारायण…😊

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