धर्मजीत सिंह ने ट्रेलर में ही फिल्म का सार दिखाना किया आरंभ

धर्मजीत सिंह ने ट्रेलर में ही फिल्म का सार दिखाना किया आरंभ…
            नारायण नारायण….😊

तखतपुर (बृजपाल & ललित) फिल्म के ट्रेलर से ही समझ आ जाता है की फिल्म में कितना मसाला होगा.. फिलहाल तो भाजपा की आरंभिक शुरुआत किसी सधे हुए ओपनर बल्लेबाज की तरह दिखाई दे रही है जिसमें विपक्षियों को भी पहले अपना घर सहेजने संभालने का एक संदेश ही दिया जा रहा है ताकि फिल्म वक्त का वह डायलॉग बोला ना जा सके कि जिनके अपने घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों के घरों में पत्थर नहीं फेंका करते…. 😅

           

          जिस तरह से एक अच्छा कृषक फसल होने से पहले अपनी जमीन को तैयार करता है और उसके बाद लहलहाती फसल का इंतजार करता है। ठीक उसी तरह राजनीति के मैदान में भी कुशल रणनीतिकार वही होता है जो सियासी मिजाज और क्षेत्र की तासीर को परखकर ही महासंग्राम में अपनी चुनावी जंग के ऐलान का शंखनाद करता है..।    
          आरंभिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी घोषित होने के बाद धर्मजीत सिंह आम जनों के बीच में आने से पहले जमीन की उपजाऊता और तासीर को भांप कर कार्य करते हुए मैदान में उतरने से पहले ही आरंभिक तौर पर एक बड़ी फतह हासिल की दिशा में वो कदम आगे बढ़ाया है… जो उन्हे एक मंजा हुआ चुनावी बाजीगर साबित कर रहा है.. धर्मजीत सिंह ने भाजपा गुटीय राजनीति को एक आसमान के नीचे लाने के प्रयास में जो कदम आगे बढ़ाया है उसमे वे एक हद तक सफल होते दिख रहे हैं… जिसका कभी किसी ने प्रयास कोशिश भी नहीं की या अगर की भी हो तो सफलता नहीं मिली.. पर आरंभिक तौर पर फिलहाल तो यही लग रहा है कि तखतपुर में भाजपा चुनावी महासंग्राम में अपनी एकजुटता के धागों में गांठ नहीं पड़ने देगी और सारे के सारे हीरे मोती एक धागे में पिरोए रहते हुए एक सुंदर माला के रूप में रहेंगे… 
     
         अब कांग्रेस की रणनीति भाजपा में दरार डालने के साथ-साथ अपनी खेमेबाजी को सहेजने समेटने में किस हद तक कामयाब होगी यह तो अभी नहीं कहा जा सकता है… फिलहाल तो कांग्रेस में अभी भी टिकट का संघर्ष जारी है और उसके बाद ही चुनावी शंखनाद का बिगुल बजेगा….
     तब तक के लिए नारायण नारायण….😊
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