अब तो आजू-बाजू से हटकर जनता के बीच जाओ

तखतपुर (बृजपाल & ललित)

      अब तो आजू-बाजू से हटकर जनता के बीच जाओ
       पूरे 5 साल जैसे ही कैमरा ऑन होता रहा 8 से 10 चेहरे चश्मा गमछा लगाए बिल्कुल सबको धकियाते हुए प्रेस फोटो फ्रेम में शामिल हो जाते हैं और व्हाट्सएप सोशल मीडिया छाप नेतागिरी के स्टार बने रहते हैं…. अब जब एक बार फिर जनता के दरबार में जाकर नेताजी की उपलब्धियां का बखान कर वोट लेने का समय आया है.. तब भी नेताजी के आजू-बाजू आगे पीछे से ना हटकर सुरक्षा गार्ड की भांति आम जनता और मतदाताओं को नेताजी से दूर ही किए रहते है…😅 आधा तो ऐसे ही लोगों के कारण नए-नए जुड़ने वाले लोग भी अब नेताजी के तीर तकार में आने से बचते हैं… अब ऐसे लोग करें भी तो करें क्या करें इनकी भी अपनी मजबूरी है… नेता जी के ग्लैमर में कोई इन्हे राम-राम भी कर लेता है.., बगैर नेता जी के तो इन्हें पारा मुहल्ला में पूछइयां कोनो नई हे….😅
चुनावी मौसम में आपसी रिश्तो का भी हो गया चुनावी बंटवारा
        चुनाव का मौसम आरंभ होते ही बहुत सारे लोगों के लिए एक त्यौहार सीजन जैसा अवसर आ जाता है.. नेताजी भले ही कितने भी फटी में हो पर कार्यकर्ता के तेवर और जलवे में कोई कमी नहीं रहती है.. एक फिल्म शोले आई थी जिसमें जेलर बने असरानी का संवाद बहुत मशहूर हो रहे थे कि आधे इधर जाओ आधे उधर जाओ बाकी मेरे साथ आओ बस इसी फार्मूला को अपनाकर तखतपुर परिवार के बहुत सारे रिश्ते धर्मजीत सिंह और रश्मि आशीष सिंह जैसे चुनावी दिग्गजों में खुद को बांट लिया है…. एक घर में रहने वाले, एक दरवाजा से निकलने वाले विभिन्न रिश्तो के लोग अब चुनावी मौसम में बाहर निकल कर खुद को अलग-अलग दलों में बांटे हुए हैं… खबर तो यह भी है कि सास बहू और मियां बीवी भी इस चुनावी मौसम में अलग-अलग गमछा में नजर आने वाले है…😅
चुनावी पर्दा प्रथा के साथ चेहरे लुकाए हुए 
        मेरी गड़ी लुक छुप पीछे से रेस… बोलते हुए लुका छुपी रेस टिप का खेल बचपन में बहुतों ने खेला होगा पर अभी इस विधानसभा चुनाव के शुरुआती समर दौर में ऐसी कुछ झलक बहुत दिख रही है… जिसमें गली मोहल्ला, समाज, धार्मिक स्थलों के चुनाव में भी कलफदार कुर्ता पजामा तानकर बड़े नेता बनकर निकलने वाले लोग तखतपुर इतिहास के होने जा रहे सबसे बड़े हाई प्रोफाइल विधानसभा चुनाव में मुंह लुकवा बरोबर फिलहाल तो चुनावी पर्दा प्रथा का पूरी तरह से पालन करते हुए तांगा के घोड़ा का चश्मा भी लगाए हुए हैं… अब इन्हें देखकर जनाब उमर कुरैशी जी भी एक गीत गुनगुना देते हैं कि जरा सामने तो आओ छलिए छुप-छुप छलने में क्या राज है…😅
दशहरा से चालू हो सकता है.. खाओ पियो ऐश करो मित्रों…
        नवरात्रि के पवित्र पर्व पर भक्तों की आस्था और धार्मिक वातावरण में चुनावी नेताओं की जेब भी उतनी ज्यादा ढीली नहीं हो पा रही है क्योंकि माना जा रहा है कि खाओ पियो ऐश करो मूड के लोग दशहरा के दिन से ही सक्रिय होंगे और नवरात्रि की कसर को दशहरा से कुकरा चेपटी को भूलकर बोकरा खंभा की फरियाद करेंगे… वहीं कई लोग अब यह अफवाह भी फैला रहे हैं कि दशहरा के दिन चुनावी नेताजी के द्वारा तखतपुर के लोगों को सच्ची मुच्ची का सोन पत्ता भेंट किया जाएगा…😅
                  

           इसी तरह चुनावी चटपटे रसीले गुदगुदातें खबरों के साथ हम आपके बीच समय समय पर आते रहेंगे.. तब तक के लिए नारायण नारायण….😊
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