चुनाव जितवाने में एक दूसरे की मित्रता भरी मदद का यह क्रम इस बार भी जारी…
बचपन की दोस्ती राजनीति में भी सफलता का लहरा रही परचम..
बृजपाल सिंह हूरा…

तखतपुर। ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोडेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे…. फिल्म शोले का यह गीत जय वीरू की दोस्ती को जहां एक यादगार पहचान दे दिया है.. वही तखतपुर में भी एक ऐसी जोड़ी है जो इस गीत को गुनगुनाते हुए राजनीतिक सफर में साथ-साथ आगे बढ़ते जा रहे हैं…

आमतौर पर राजनीति में दोस्ती मतलब की होती है पर कुछ दोस्ती ऐसी होती है जो मतलब और स्वार्थ से परे हटकर एक दूसरे को सहयोग करके आगे बढ़ाने के लिए होती है.. ऐसे ही चंद चुनिंदा मित्रों में शामिल क्षेत्र के शिवेंद्र कौशिक और अनिल कौशिक है जो अपनी दोस्ती की धार को एक दूसरे को काटने के लिए नहीं बल्कि एक दूसरे को आगे बढ़ाने के लिए तेज करते रहते हैं..

पिछले पंचवर्षीय में अनिल कौशिक जहां सरपंच बने, वहीं शिवेंद्र कौशिक जनपद पंचायत में सभापति बने.. दोनों ने एक दूसरे के लिए एक दूसरे को कंधा देकर पैर रखकर ऊपर चढ़ाया है और यह जुगलबंदी इस बार फिर कामयाब तब हुई जब अनिल कौशिक दूसरी बार लगातार सरपंच जीते और शिवेंद्र कौशिक जिला पंचायत में अपना परचम लहरा कर तखतपुर क्षेत्र की राजनीति में अपना कद ऊंचा किया।

कांग्रेस की राजनीति कर रहे दोनों कौशिक बंधु की दोस्ती प्रगाढ़ता का ये आलम है कि युवा कांग्रेस के चुनाव में भी इन दोनों की एक दूसरे के प्रति समर्पण भावना और मित्रता देखकर कोई भी नहीं कह सकता था कि चुनाव शिवेंद्र कौशिक लड़ रहा है या अनिल कौशिक…

जय वीरू की तरह एक बार फिर सफलता की शिखर पर बढ़ने के लिए तैयार हुई है तो इनके लिए यही कामना है कि यह जोड़ी हमेशा साथ-साथ आगे बढ़ते रहे क्योंकि इन दोनों को यह बात अच्छी तरह से पता है कि एक दूसरे का सहयोग करके ही आगे बढ़ सकते हैं और यही इन दोनों की भावना ने ही बड़े से बड़ी सफलता लगातार दिलाते जा रही है…
अनिल कौशिक ने बनाया एक नया रिकॉर्ड

ग्राम पंचायत दैजा में लगातार दूसरी बार सरपंच का परचम लहराने वाले अनिल कौशिक ने तमाम मिथक और रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह साबित कर दिया कि क्षेत्र में कार्य और जीवंत संपर्क व्यवहार कुशलता से हर जंग जीती जा सकती है… ग्राम ग्राम पंचायत दैजा में लगातार दो बार सरपंच जीतने का एक भी रिकॉर्ड मौजूद नहीं था.. जिसे इस बार अनिल कौशिक ने ध्वस्त करते हुए ग्राम पंचायत दैजा की राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया है…

अब देखना यह है कि शिवेंद्र कौशिक और अनिल कौशिक की “जय वीरू” वाली जोड़ी तखतपुर राजनीति में कितने “गब्बर” के आतंक को खत्म करने में कामयाब होगी…
तब तक के लिए नारायण नारायण….

