तखतपुर में चुनाव हो और मक्कड़ परिवार की उसमें सक्रियता या सहभागिता ना हो.. कुछ अधूरा सा लगता है… बस! ऐसा ही कुछ हाल फिलहाल अभी तक तखतपुर चुनाव में नजर आ रहा है.. तखतपुर नगर वाले तो यही पूछते फिरते हैं कि मक्कड़ जी क्यों नहीं दिख रहे हैं या मक्कड़ जी कब से निकलेंगे…? नारदमुनि के कानों में किसी ने बहुत धीरे से बताया है कि मक्कड़ जी राजनीतिक कोप भवन में साधना लिए हुए हैं और ऐसा बताया जा रहा है कि उनकी मौन नाराजगी वाली तपस्या भंग सिर्फ हेलीकॉप्टर वाले बाबा ही कर सकते हैं… अब देखना यह है कि मक्कड़ जी कोप भवन से बाहर निकलेंगे या फिर अपनी तीसरी नेत्र खोल देंगे.. तब तक के लिए नारायण नारायण….😊
विधानसभा चुनाव में तखतपुर नगर क्षेत्र अब एक चुनावी दंगल का रूप लेता जा रहा है.. नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि जहां कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा जता कर खुलकर मैदान में डट गए हैं, वही चुनावी ट्विस्ट के साथ नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रतिनिधि भाजपा के पक्ष में वोट मांगते घूम रहे हैं.. ज्ञात हो कि तखतपुर नगर पालिका में 7 भाजपा 7 कांग्रेस और एक निर्दलीय की स्थिति में निर्दलीय के समर्थन से कांग्रेस की सरकार नगर पालिका में बनी और निर्दलीय उपाध्यक्ष बने.. 4 साल नगर में साझा सरकार चलाने के बाद विधानसभा चुनाव में ऐसा मोड़ आया कि नगर पालिका उपाध्यक्ष साझा सरकार की गड्डी छोड़ आए और भाजपा के स्टेरिंग को थाम लिए हैं… अब नगर पालिका क्षेत्र में इस चुनाव को अध्यक्ष बनाम उपाध्यक्ष के रूप में भी लोग देख रहे हैं और किसकी मेहनत और किसकी रणनीति बढ़त की दिशा में जाएगी…? इस पर सियासी नजरे जमी हुई है….
शादी नहीं, पर विवाह मंगल भवन आबाद..
शादियों के सीजन नहीं है फिर भी शादी मंगल भवन इन दिनों भरपूर आबाद है.. शादियों के सीजन पर शादी घरों में रौनक दावते बैंड बाजा बाराती दिखाई देना बहुत सामान्य सी बात है पर इन दिनों शादियों का सीजन लग्न मुहूर्त नहीं होने के बावजूद भी तखतपुर के शादी घर चुनावी बारातियों से खचाखच भरे हुए… दावते उड़ाई जा रही है.. भंडारा चल रहा है… बैंड बाजा ढोल ताशा बज रहा है… जी हां हम बात कर रहे हैं तखतपुर के दो प्रमुख शादी घर मोहन वाटिका एवं पाल मंगलम की जहां क्रमशः भाजपा और कांग्रेस ने अपने पंचवर्षीय राजनीतिक जीवन की सुरक्षा के लिए अनगिनत फेरों और अनगिनत वचनों की कसम दोहराते हुए चुनावी विवाह का पांडाल सजाए हुए हैं… मोहन वाटिका में तो ऐसा लगता है कि आई हुई बारात को अभी विदा ही नहीं किया जा रहा है या फिर बाराती ही जमकर और डटकर बैठ गए हैं.. तीनों टाइम का भंडारा चल रहा है… रात्रि कालीन भेट मुलाकात वालों का भी छुप-छुप कर पैमाना छलक ही रहा है… कई लोग तो अपने घर का रास्ता भूलकर अपना बोरिया बिस्तर यही सजा लिए हैं… कुल मिलाकर रौनक बनी हुई है और हो भी क्यों ना.. इस बार भगवाधारियों को दूल्हा जो ग्लैमराइज्ड, हीरो डिजाइन के वीआईपी कैटेगरी का और भरे खिसावाला जो मिला है….😅
फिल्म शोले आई थी जिसमें का एक संवाद काफी मशहूर था कि बेटा सो जा नहीं तो गब्बर सिंह आ जाएगा… वैसा ही कुछ हाल अभी चुनावी समर में सुनाई दिखाई पड़ रहा है.. कुछ लोग प्रत्याशी चयन की घोषणा से नाराज होकर निष्क्रियता के साथ घर बैठ गए हैं… ऐसे लोगों को खोजने पकड़ने के लिए एक खोजी दस्ता लईका पकड़ईया टीम दोनों दलों से घूम रही है.. बिना फोन लगाए उनके घर जाकर उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं.. लिहाजा मैं कल से आऊंगा बोल देते हैं और फिर गायब हो जाते हैं… ऐसे लोगों ने अपने घर में भी कहलवा रखा है कि दरवाजे से ही बोल देना कि नेताजी घर में नहीं है… मतदान में अभी 2 सप्ताह का समय है और लईका पकड़ईया दल को सख्त आदेश है कि फलां फलां जहां भी मिले खब्ब से पकड़ कर चुनाव प्रचार टीम में उनको घुमाओ और उनकी फोटो सोशल मीडिया में डालो …😅
सवाल आपसे..?
👉 चुनाव में हर्षिता पांडेय की सक्रियता को देख कर किस-किस के दिल में सांप लोटने लगता है..?
👉 सकरी कांग्रेस बैठक में तखतपुर के कौन-कौन से इंटरनेशनल कार्यकर्ता है जो टिकट से वंचित नेताजी से ही खंभा चखना का जुगाड़ कर लिए..?
👉 किस-किस चुनावी नेता की बीवियां चाह रही है कि उनके पति के विधायक प्रत्याशी हार जाए ताकि यह अपने कुछ नए काम धंधे में लगे..?