शिक्षा और साधना को अपने जन्मभूमि के नाम समर्पित करने वाली “गरिमा” बनी गौरव का केंद्र..
तखतपुर नगर में महिला चिकित्सा और ऑपरेशन की सुविधा ने चिकित्सीय पेशे में लाई एक नई क्रांति की शुरुआत..
बृजपाल सिंह हूरा…✍️

तखतपुर। आज के इस व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा दौड़ में लोग जहां अपनी काबिलियत और टैलेंट को बड़े-बड़े शहरों महानगरों में जाकर पूरी तरह से कैश और फ्लैश कर रहे हैं। वही आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो सेवा भावना के मूल विचारों के साथ अपनी जन्मभूमि का कर्ज उतारने और उसका नाम रोशन करने के लिए अपनी शिक्षा और साधना को समर्पित करने का के लिए दृढ़ संकल्पित रहते हैं…

ऐसे ही चंद चुनिंदा लोगों में शामिल तखतपुर नगर गांव घर की बेटी डॉ. गरिमा रॉय ने अपने दादाजी की स्मृति में आरंभ किए गए एमबी रॉय मेमोरियल हॉस्पिटल का दायित्व संभालने के लिए अपनी शिक्षा पूरी कर आज से उन्होंने अपनी सेवा सुविधा को आरंभ किया है..

तखतपुर नगर में महिला प्रस्तुति एवं महिला रोग चिकित्सा सिजेरियन की कमी को काफी अच्छे से महसूस किया जाता था जिस वजह से यहां से लोग प्राय: बिलासपुर की दौड़ लगाते थे और एक अच्छी खासी रकम उनके इन्हीं उपचार आदि पर लग जाता था

अब डॉक्टर गरिमा रॉय ने इसी सब बातों को ध्यान रखते हुए अपने दादाजी की स्मृति में चल रहे हॉस्पिटल में ही रहकर अपनी चिकित्सा कार्य को अंजाम देने का संकल्प लिया और इसमें उनके पिताजी डॉ. बबली रॉय ने भी पूरा सहयोग और योगदान समर्पित किया है।

आज की युवा पीढ़ी चिकित्सीय पेशे में बड़े-बड़े शहर महानगर को पहली पसंद में शामिल रखते है जहां बहुत कम समय में एक मोटी रकम हासिल हो जाती है पर आज भी चिकित्सीय पेशे में ऐसे लोग भी शामिल है जो अपने जीवन का आरंभिक काल ही अपने गांव घर से आरंभ करके महानगर प्रेमी डॉक्टर के सामने एक सादगी भरा उदाहरण पेश किया है

राय सुकन्या योजना
डॉक्टर गरिमा रॉय ने बताया कि वह अपने इस अस्पताल में रॉय सुकन्या योजना लागू की करेगी जिसमें पुत्री जन्म होने पर ₹10000 फिक्स्ड डिपॉजिट बालिका के नाम पर कराया जाएगा और भी कई किस्म की छूट दी जाएगी…

स्त्री रोग संबंधित सभी उपचार और ऑपरेशन की सुविधा
महिला चिकित्सा उपचार के साथ-साथ महिलाओं के सभी किस्म के ऑपरेशन पूरी सुविधाओं के साथ किया जाएगा। मेरी यह सेवा 24 घंटे रहा करेगी। मैंने बचपन से देखा था कि तखतपुर में महिला चिकित्सा के लिए कभी कोई अच्छी सुविधा नहीं रही। उस समय से मैंने दृढ़ संकल्प किया था कि बड़ी होकर अगर डॉक्टर बनी तो स्त्री रोग विशेषज्ञ ही बनूंगी और तखतपुर में ही अपना कार्य करूंगी।

अब देखना यह है कि बहुत ही अच्छी भावना के साथ तखतपुर में एक नए युग का आरंभ करने वाली डॉक्टर गरिमा रॉय की मेहनत लगन की जागृति भरी चेतन उनके इरादों की बुलंदी को शिखर के कितने ऊंचे मुकाम तक लेकर जा पाती है..
तब तक के लिए नारायण नारायण…😊
