धर्म से ज्यादा कर्म पर विश्वास ही उमर कुरैशी की पहचान
हिंदुस्तान के हर गांव शहर में एक व्यक्तित्व तो उमर कुरैशी जैसा होना ही चाहिए….
बृजपाल सिंह हूरा…✍️

कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं इन्सान को कम पहचानते हैं, ये पूरब हैं, पूरब वाले हर जान की कीमत जानते हैं, मिलजुल के रहो और प्यार करो, एक चीज़ यही जो रहती है, हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है… इस सुपरहिट गीत के ब्रांड एंबेसडर…

हिंदी चलचित्र पटल पर एक ऐसा एक्टर भी आया संजीव कुमार जी जिसे कहते हैं, उन्होंने 9 चरित्र भूमिकाओं को निभाकर दी थी अभिनय जगत को एक चुनौती दी…. एक ही फिल्म में 9 किरदार निभाना उनके लिए कठिन अवश्य था पर उन्होंने एक अद्भुत इतिहास रचा… वैसे ही हमारे तखतपुर की शान पहचान जनाब उमर कुरैशी जी से भी है..

हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है.. बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा….
उमर कुरैशी जी तखतपुर क्षेत्र के ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व है जिन्होंने अपने संपूर्ण जीवन में अब तक खुद को किसी किरदार में बांध कर नहीं रखा… जाति धर्म संप्रदाय के भेद से खुद को अलग ही रखा.. रीति रिवाज सामाजिक नीतियों परिस्थितियों से वे कभी बंध कर नहीं रहे.. इस देश का शायद ही ऐसा कोई पर्व त्यौहार होता होगा ..जिसमें इनकी सहभागिता मानवता इंसानियत भारतीयता की एक सच्ची मिसाल पेश करती हुई न रहती हो…

कहते हैं कि कोई पूरी उमर जी कर भी एक सार्थक किरदार का जीवन नहीं निभा पाता है.. और कुछ ऐसे होते हैं जो अपनी उमर को जीने के साथ-साथ रिश्ते संबंधों के हर किरदार को अपनी एक उमर में ही पूरी तरह जी लेते हैं…

ऐसे ही हमारे बहुत ही सम्मानित आदरणीय बड़े भाई उमर कुरैशी जी है.. जिन्होंने उमर को अपनी जिया नहीं है बल्कि अपनी उमर में हर किरदार को इन्होंने जिया है… और इसे जुड़ा हुआ हर किरदार में कहीं ना कहीं इनके एहसास इनके स्पर्श इनकी छाया इनके संस्कार के अंश को देखा महसूस किया जा सकता है…👌👌

आज के इस गला काट युग में भाई-भाई की जेब पर डाका डाल रहा है तो ऐसे में इन्होंने जिस तरह से कुरैशी परिवार रूपी एक विशाल वृक्ष के हर डाल हर पत्ते को अपनी तरफ से सींचने की भरपूर कोशिश करते हुए एक बूढ़े वृक्ष को भी हरा भरा बना कर रखा है वह एक अद्भुत अद्वितीय मिसाल है…🌹

कहते हैं कि सच्चे इंसान के दिल में अपनी मातृभूमि के प्रति एक भावना और जज्बा रहता है.. मैं ज्यादा तो नहीं कहूंगा पर इतना जरुर जानता हूं हमारे सम्मानित गुरु उमर कुरेशी जी के दिल में तखतपुर धड़कता है और तखतपुर के सीने में भी उमर कुरैशी जी… ❤️ वह इसलिए भी की तखतपुर की कोई ऐसी धर्म जाति वर्ग नहीं है जहां इनका अपनत्व और अपनापन ना हो…👍 सही मायनों में तो इन्हें सर्वधर्म सदभावना का ब्रांड एंबेसडर घोषित कर देना चाहिए ताकि इनसे प्रेरित होकर धर्म जाति का भेदभाव से मानव समाज में आ रही दूरी को कम किया जा सके…

मंच संचालन के माध्यम से आयोजनों की प्रतिष्ठा में चार चांद लगा देने वाले… शेरो शायरी से हर किसी को मंत्र मुक्त कर देने वाले.. इनकी गायन और संगीत के प्रति रुचि इनके बहुत ही सहृदयता को प्रदर्शित करती है… तखतपुर के हर उम्र हर समाज हर परिवार के लोगों के साथ घुल मिलकर रहने वाले..

मेरे बहुत ही अजीज और सम्मानित बड़े भैया गुरु उमर कुरेशी जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई 🙏 गुरु परमात्मा की कृपा से आप हमेशा स्वस्थ रहें.. मस्त रहें.. व्यस्त रहें.. जबरदस्त रहें.. आनंद में रहे.. दीर्घायु हो..💯 यही शुभकामना है🎁🎂
किसी शायर ने इनकी शख्सियत और अंदरूनी जज्बात पर दो लाइने लिखी हैं…
एक उमर गंवा दी हमने चाहत में तेरी..
बड़े खुशनसीब होंगे तुझे मुफ्त में पाने वाले…
अब देखना यह है कि “उमर कुरैशी जी” की आने वाली पीढ़ियां उनके इस किरदार को आत्मसात कर तखतपुर को भविष्य में भी एक उमर कुरैशी की परछाई के रूप में एक नई सौगात प्रदान करेंगे….
तब तक के लिए नारायण नारायण….😊


