अब स्कूली बच्चों ने गुरुजी की हाजिरी स्कूल में लगवाने प्रशासन से लगाई गुहार

अब स्कूली बच्चों ने गुरुजी की हाजिरी स्कूल में लगवाने प्रशासन से लगाई गुहार

स्कूली बच्चे मास्टरों की शिकायत लेकर एसडीएम कार्यालय में दी दस्तक

मोढे के विद्यार्थियों ने शिक्षकों द्वारा पढ़ाये न जाने की शिकायत की

बृजपाल सिंह हूरा..✍️

तखतपुर। अभी तक यह देखा जाता था कि बच्चे स्कूल से छुट्टी मारते हैं और टीचर उनकी शिकायत उनके घरों पर उनके पालकों अभिभावकों से करते हैं… पर यह तखतपुर है साहब यहां यह भी देखने को मिला है की स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे स्कूल में मास्टर जी नही आते हैं कहकर एसडीएम कार्यालय की सीढ़िया में चढ़कर प्रशासन से स्कूलों में हमें पढ़ने के लिए अनुपस्थित रहने वाले टीचर्स की हाजिरी लगवाई जाए, की गुहार लगाने पहुंचे… कितना हास्यास्पद और शर्मनाक विषय है कि एक ओर शासन प्रशासन शिक्षा को लेकर जागरूकता और विभिन्न योजनाएं चलाते हैं और दूसरी दूसरी ओर जमीनी स्तर पर ऐसी बातें देखने और सुनने को मिलती है…

          तखतपुर विकासखंड के ग्राम मोढ़े के शासकीय प्राथमिक स्कूल, मिडिल स्कूल व हाईस्कूल के छात्र समेकित रूप में छात्र-संघ के माध्यम से एसडीएम तखतपुर के समक्ष ज्ञापन लेकर पहुँचे। जिसमे स्कूल के छात्र-छात्राओ ने एसडीएम तखतपुर श्रीमती ज्योति पटेल के समक्ष अपनी बात में कहा की हमारे प्राथमिक शाला के शिक्षक प्रदीप शर्मा व उनकी पत्नी शिक्षक दुर्गेश्वरी शर्मा जो गाँव के गौटिया है वे स्कूल हमेशा लेट से आते है और आते भी नहीं और आते है तो स्टाफ़ रूम में ही बैठे रहते है।

कक्षा में सिर्फ हाजिरी लेने आते हैं टीचर..

कक्षा में केवल हाजिरी लेने बस आते है। उनके द्वारा कक्षा में कुछ पढ़ाया नहीं जाता जिससे बच्चे बाहर भटकते रहते है। ख़ास कर लड़के बाहर घूमते रहते है और नशा के शिकार होते जा रहे है। उन शिक्षकों का अनुसरण हमारे गाँव के समस्त शिक्षक गण करते है देर से आते है और जल्दी चल देते है। जिससे बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उनका भविष्य खराब हो रहा है, शिक्षकों द्वारा सही तरीक़े से नहीं पढ़ाये जाने के कारण बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि ख़त्म हो रही है।

गांव का शिक्षा स्तर हो रहा खराब…

   अधिकतर बच्चे आठवी के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ देते है। जिससे हमारे गाँव के शिक्षा का स्तर खराब हो रहा हैं साथ ही बच्चों का भविष्य भी खराब हो रहा है। दोनों पति-पत्नी जो शिक्षक है हमारे गाँव के गौटिया हैं गाँव के लोग उनके खिलाफ बोलने से डरते है।साथ ही जो जो लोग गौटिया का खेत बोते है गौटिया शिक्षक उनके साथ स्कूल में ही गप मारते बैठे रहते है।बच्चों ने हाईस्कूल के शिक्षकों के बारे में भी लिखित शिकायत की हैं कि शिक्षक विकास सोनवानी के द्वारा पढ़ाया नहीं जाता।

स्कूल में शिक्षक खेलते रहते हैं मोबाइल पर गेम

स्टाफ़ रूम में फ़्रिफ़ायर मोबाइल गेम खेलते बैठे रहते है। पुस्तक से कुछ भी पढ़ाया नहीं जाता है और शिक्षक तनवीर बानो द्वारा गाइड देखकर पढ़ाया जाता है। हल पूछने पर नहीं समझाया जाता है। हाईस्कूल में नये कक्षा का प्रवेश शुल्क भी अन्य जगह के हाईस्कूल से ज़्यादा फ़ीस लिया जा रहा है। प्राथमिक व मिडिल स्कूल में छात्राओ के लिये प्रसाधन की व्यवस्था सही नहीं है।

घटिया दर्जे का मध्यान भोजन दिया जा रहा बच्चों को

मध्यान्ह भोजन के बारे में छात्रो ने शिकायत की उनको उचित मात्रा में भोजन नहीं दिया जाता है। पापड़ अचार कुछ भी नहीं मिलता। चावल अचुरा रहता है भोजन में गुणवत्ता नहीं है दाल पानी के समान रहता है,कभी खीर बनता है तो पेज वाले पानी से खीर बनाया जाता है। सैकडो बच्चों के लिए बनने वाले खीर में एक दो लीटर ही दूध डाला जाता है।

एसडीएम ने संबंधित अधिकारियों को दिया निर्देश

एसडीएम ने ज़िम्मेदार अधिकारियो को तत्काल काल किया व नोटिस जारी करने को कहा। उक्त विषय को लेकर छात्र-नेता पूर्व छात्र-संघ अध्यक्ष आयुष सिंह ठाकुर ने कहा की शिक्षकों को अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए। शिक्षक आने वाले भविष्य के निर्माता होते है। शिक्षकों द्वारा ऐसा करना अशोभनीय कृत्य है। साथ ही छात्रो को गुणवत्ता युक्त मध्यान भोजन मिलना चाहिए। यदि व्यवस्था दुरुस्त नहीं होती है तो छात्र-संघ द्वारा बड़े स्तर पर कार्यवाही की माँग की जाएगी। इस अवसर पर छात्र नेता आयुष सिंह ठाकुर, राहुल सिंह, पंकज साहू, आदर्श सोनी, अजय रजक व स्कूली छात्र-छात्राये उपस्थित रहे।

       अब देखना यह है कि बच्चे खुद अपने मास्टर की हाजिरी लगवाने के लिए प्रशासन के पास लगाई गई गुहार का असर जमीनी स्तर पर किस हद तक होता है…

        तब तक के लिए नारायण नारायण…😊

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