नगर पालिका चुनाव की हो ही गई है दस्तक..

नगर पालिका चुनाव की हो ही गई है दस्तक..

नगर की जनता इस बार जवाब तलब के साथ दो-दो हाथ करने के मूड में..

बृजपाल सिंह हूरा..✍️


तखतपुर। मानसून एक बार आने में देरी कर सकता है पर तखतपुर नगर पालिका चुनाव का माहौल साल 6 महीना पहले से ही ऐसे आ जाता है जैसे चुनाव के लिए अबक तबक की स्थिति बनी हुई.. कुछ ऐसा ही वातावरण इन दिनों तखतपुर नगर में बनने लगा है.. जहां गुटबाजी खेमेबाजी के साथ-साथ टिकट देवईया और बंटइयां लोगों का भी अपना अपना दावा चल रहा है.. भाजपा खेमा तो विधानसभा लोकसभा चुनाव परिणाम से जोश और उत्साह में है.. कांग्रेस खेमे में निराशा जरूर है पर.. नगर पालिका चुनाव को लेकर उनकी आखिरी उम्मीद मक्कड़ खेमे पर जमी हुई है.. और मक्कड़ खेमा है कि शासन की नई चुनावी नीतियों और आरक्षण पर अपना निगाहें लगाए हुए.. वैसे तखतपुर नगर में यह आम चर्चा है कि नगर पालिका चुनाव को लेकर कांग्रेस खेमे की निराशा को अगर कोई अब खुशियों में बदल सकता है तो वह मक्कड़ समूह ही है.. जो टिकट का मोहताज न होकर भी निर्दलीय गिलास में फर्स्ट क्लास प्रदर्शन कर चुके हैं..

      खैर..! अब तो कई चुनावी लईका पकड़ईया आएंगे.. झोला धरिया आएंगे… पांव पड़ईयां आएंगे.. हाथ जोड़इयां आएंगे.. पर जनता का मूड भी इस बार कुछ बदला बदला सा लग रहा है.. वह भी इस बार आवास निवास राशन आदि के माध्यम से 5 साल में अपनी भावनाओं कामनाओं इच्छाओं जरूरतो के उड़े भरपूर मजाक और दोहन का हिसाब करने के लिए सुदर्शन चक्र उठाकर चुनावी महाभारत में जवाबी हमले के रूप में दो-दो हाथ करने की इच्छा जाहिर कर रही है.. जिससे लग रहा है कि नेताओं के चुनावी मुकाबले के साथ-साथ जनता के जवाब तलब भी नेताओं के होश और परखच्चे उड़ा सकते हैं..

डी.फार्म बेचईया क्या फिर आयेंगे..?


    लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया.. आचार संहिता खत्म हो गई.. और अब आने वाले नगर पालिका चुनाव के लिए अपनी-अपनी जमीनी पृष्ठभूमि तैयार करने के लिए हर स्तर संभव प्रयास किया जा रहा है.. माना जा रहा है कि इस बार का नगर पालिका चुनाव अपने पूरे शबाब पर रहेगा.. इन सब के बीच पुराना वह दौर भी याद आने लगता हैं जब भगवा छाप पार्षद टिकट डी.फॉर्म को झऊआ टूकना में लेकर लोग गली मोहल्ले तक घूम जाया करते थे और इस सौदेबाजी में कईयों की जहां जेबें ढीली हो गई थी वही शिकार करने निकले सौदागरों ने अपनी तिजोरिया भर ली थी.. कुछ जगह तो ऐसा भी होता था कि जहां भगवा छाप के डी.फार्म के खरीददार नहीं मिलते थे तो वहां तिरंगियों से ही सौदा करके उनके सामने में हल्की क्वालिटी का प्रतिद्वंद्वी उतार दिया करते थे… ऐसे दौर से गुजरे लोगों को भय सता रहा है कि पुरानी कहानी की तरह कही इस बार भी शिकारी के जाल में कुछ मासूम परिंदे कहीं फंस ना जाए.. पर बताया जाता है कि मचान पर इस बार उत्कृष्ट स्तर के सुपर स्टार सूबेदार की पहरेदारी रहेगी.. जिनकी नजरे और निशाना से इस बार ऐसे लोग बच नहीं पाएंगे….

हमें तो चुनावी पनौतीबाजों की छुतहाई मार गई…


    एक फिल्म आई थी रोटी कपड़ा और मकान… उसका एक गीत उस दौर के साथ-साथ आज भी चर्चित है कि महंगाई मार गई…  तुझे क्यों मौत न आई…🎵 पर तखतपुर की राजनीति में तो नेताओं को चुनावी छुतहा लोगों की पराक्रमी प्रताप वाली छुतहाई मार रही है.. अच्छे-अच्छे विजेताओं चुनावी योद्धाओं की चुनावी पृष्ठभूमि पर तखतपुर की छुतहागिरी ने ऐसी पनौती मारी है कि अब वह चुनाव लड़ने से भी डरने लगे हैं.. बड़े से बड़े अपराजेय योद्धाओं को ऐसे छुतहा लोगों की छाया भर पड़ने से ही ऐसा कहा जाता है कि जहां कदम पड़े ऐसे संतन के.. वहां बंठाधार ही समझो…
       गुप्तचर हरिराम ने बताया है कि 6 विधानसभा चुनाव हो गए है, एक में भी रंग गुलाल लगाकर नाचे या जश्न मनाने का अवसर नहीं मिलने का अफसोस आज भी कई लोग करते रहते है.. लेकिन..
     अब जो चर्चा सबसे ज्यादा है वो ये कि किस हाई क्लास इंटरनेशनल अंडरवर्ल्ड स्तर के छुतहा की पनौती ने अच्छे भले चले आ रहे मोदी मैजिक को भी बहुमत के लिए तरसा दिया है….😆


     अब नगर पालिका चुनाव तक ऐसी ही लज्जतदार जायकेदार चटपटी मसालेदार खबरें आती जाती रहेगी.. जिसे हम अपना अतिरिक्त तड़का लगाकर समय-समय पर पेश भी करते रहेंगे…
     तब तक के लिए नारायण नारायण….😊

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