1999 : तखतपुर की जनता ने पहली बार अपने वोट से चुना नगर पालिका अध्यक्ष
सुरेंद्र कौर मक्कड़ जनता के वोट से नगर पालिका अध्यक्ष बनने वाली प्रथम अध्यक्ष
1999 में तखतपुर की जनता ने अध्यक्ष एवं पार्षद के लिए पहली बार दो अलग-अलग वोट डालें
बृजपाल सिंह हूरा…✍️
तखतपुर। नगरपालिका नगरीय निकाय चुनाव इतिहास के तीसरे दौर में चुनाव के आते-आते तक नगर के राजनैतिक परिदृश्य और सियासी वातावरण काफी बदल गया था… नए नए विधायक बने जगजीत सिंह मक्कड़ जी ने नगर पंचायत चुनाव की कमान पूरी तरह संभाली. इस बार पहली बार नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ जिसमें वार्ड के समस्त मतदाताओं ने पहली बार पार्षद के साथ साथ अध्यक्ष के लिए अलग से वोट डाला…

नगरीय निकाय चुनाव 1999 में भी पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं रहा, भाजपा एवं कांग्रेस ने अपने अधिकृत प्रत्याशी अध्यक्ष एवं पार्षद के लिए मैदान में उतारे…

वार्ड क्रमांक 1 से कांग्रेस अधिकृत श्रीमती श्यामकली देवांगन विजयी हुई, निकटतम प्रतिद्वंदी में श्रीमती लता हिरेंद्र कश्यप एवं श्रीमती मंजू सिंह रही.

वार्ड क्रमांक 2 में नगर वासियों को जबरदस्त चुनावी महासंग्राम देखने को मिला है. यहां से कांग्रेस समर्थित सुरेश ठाकुर ने जीत हासिल की, निकटतम प्रतिद्वंदी जवाहर सिंह ठाकुर रहे.

वार्ड क्रमांक 3 में अशोक ठाकुर को घेरने की काफी कोशिश की गई किंतु वे अपना जीत का परचम लहराने में सफल रहे, निकटतम प्रतिद्वंदी में ज्ञान सिंह भोला सिंह दऊवा बेनेट गणेश शर्मा राजू जायसवाल रहे.

वार्ड क्रमांक 4 में 11 प्रत्याशियों की भीड़ से कांग्रेस समर्थित टेकचंद कारडा जीत का परचम लहराने में कामयाब हुए, निकटतम प्रतिद्वंदी में प्रदीप साहू परमानंद कुकरेजा ज्ञान मसीह आबिदअली शाम गोपाल मिश्रा मोती केनार रहे.

वार्ड क्रमांक 5 में राजकुमार शिवहरे ने जीत हासिल की, निकटतम प्रतिद्वंदी यासीन कुरेशी अशोक साहू रहे.

वार्ड क्रमांक 6 में कांग्रेस समर्थित हरबंश सिंह बग्गा जी ने जीत का परचम लहराया, निकटतम प्रतिद्वंदी शब्बीर मोहम्मद सतीश निर्मालकर और पाऊं रहे।

वार्ड क्रमांक 7 में छात्र राजनीति से आए घनश्याम शिवहरे कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते, निकटतम प्रतिद्वंदी सतीश श्रीवास रिंकू सिंगरौल लक्ष्मी नारायण यादव रहे.

वार्ड क्रमांक 8 में कैलाश सोनी ने कांग्रेस के समर्थन से ऐतिहासिक रूप से मात्र 1 वोट से जीत दर्ज की, निकटतम प्रतिद्वंदी प्रदीप ताम्रकार सत्येंद्र जायसवाल अशोक देवांगन रहे.

वार्ड क्रमांक 9 में श्रीमती सुशीला साहू चुनाव जीतने में कामयाब हुई, निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा की श्रीमती राधा नारायण बाबू देवांगन कांग्रेस की श्रीमती नीतू सिंगरौल रही.

वार्ड क्रमांक 10 भाजपा समर्थित श्रीमती कमला देवांगन चुनाव जीती, निकटतम प्रतिद्वंदी श्रीमती दुलारी बाई देवांगन रही.

वार्ड क्रमांक 11 में कड़ा मुकाबला हुआ जिसमें श्रीमती लक्ष्मी लव पांडेय चुनाव जीती, निकटतम प्रतिद्वंदी श्रीमती चंद्रकांति पांडेय श्रीमती सविता जांगड़े रही.
वार्ड क्रमांक 12 में भाजपा समर्थित श्रीमती सरोज कैलाश अग्रवाल चुनाव जीती, निकटतम प्रतिद्वंदी श्रीमती किरण अवधेश शुक्ला रही.

वार्ड क्रमांक 13 में जबरदस्त संघर्ष हुआ जिसमें कांग्रेस समर्थित जितेंद्र पांडेय मात्र 2 वोट से चुनाव जीते, निकटतम प्रतिद्वंदी अशरफ वनक एवं ओमकार केशरवानी रहे.

वार्ड क्रमांक 14 से सुरेंद्र कोसले चुनाव जीतने में कामयाब हुए, निकटतम प्रतिद्वंदी हरीराम आहुजा और द्वारिका मेरसा रहे.

वार्ड क्रमांक 15 में कांग्रेस समर्थित संतोष यादव को जीत मिली, निकटतम प्रतिद्वंदी गजानंद शास्त्री रहे.
इस पंचवर्षीय में दो बार हुई एल्डरमेन नियुक्ति
कांग्रेस राज्य सरकार के द्वारा दऊवा बेनेट एवं धनेश गुप्ता को एल्डरमैन मनोनीत किया गया. 2003 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आ जाने से नगर पालिका के इस पंचवर्षीय अंतिम वर्ष में बंशी पाड़े एवं भोला सिंह राजपूत को राज्य सरकार ने एल्डरमैन मनोनीत किया.
जनता से चुनकर सुरेंद्र कौर मक्कड़ बनी पहली नगर पंचायत अध्यक्ष

पहली नगर पंचायत अध्यक्ष 1999 का नगर पंचायत चुनाव काफी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि पहली बार नगर के मतदाताओं ने अध्यक्ष एवं पार्षद के लिए अलग-अलग मतपत्र का उपयोग किए, तत्कालीन विधायक जगजीत सिंह मक्कड़ की धर्मपत्नी श्रीमती सुरेंद्र कौर मक्कड़ को भाजपा के समर्थन से अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में उतारा गया है जिसमें इन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय बस छाप में खड़ी आयशु बुआ जी को कड़े संघर्ष में परास्त कर जीत दर्ज की. अन्य अध्यक्ष प्रत्याशियों में कांग्रेस की श्रीमती जसबीर कौर श्रीमती इंद्राणी मिश्रा सुश्री प्रीति कांता बेनेट लक्ष्मी कोसले कांति कुरें सहित कुल 8 प्रत्याशी अध्यक्ष के लिए मैदान में उतरे थे.
पार्षदों के मतदान से अशोक ठाकुर बने उपाध्यक्ष

पार्षदों के मतदान से कांग्रेस के अशोक ठाकुर उपाध्यक्ष का चुनाव जीते, उनके निकटतम प्रतिद्वंदी राजकुमार शिवहरे रहे। इस चुनाव में किसी भी पार्षद ने क्रॉस वोटिंग नहीं की। इस कार्यकाल में कांग्रेस समर्थित 9 एवं भाजपा समर्थित 3 पार्षद 3 निर्दलीय रहे जो चुनाव के तुरंत बाद ही खुद को भाजपा में शामिल घोषित किए.. कुछ महीनों के उपरांत कांग्रेस पार्षद संतोष यादव भी भाजपा में शामिल हो गए…
तखतपुर नगरीय निकाय के प्रत्यक्ष चुनाव 1990 से आरंभ हुआ… जिसमें 1990 और 1994 का पूर्ण विवरण नारदमुनि द्वारा दिया जा चुका है… यह तीसरे दौर के चुनाव का पूर्ण विवरण रहा… अगले एपिसोड में हम 2004 नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हाजिर होंगे…
तब तक के लिए नारायण नारायण….😊

