5 साल पार्षद की नि:स्वार्थ जिम्मेदारी के बाद जनता हार जीत तय करेगी : लवली हूरा
वार्ड क्रमांक 9 में लवली हूरा को अपने 5 साल के काम पर पूरा भरोसा…
बृजपाल सिंह हूरा…✍️
तखतपुर। 5 वर्ष वार्ड वासियों के हर दुख सुख में शामिल होना.. उनके कष्ट तकलीफों को दूर करना.. हर समस्या का समाधान करना.. नि:स्वार्थ भावना से वार्ड वासियों की तकलीफों को दूर करने का जो पार्षद का वास्तविक दायित्व और कर्तव्य होता है उसे निभाने के बाद जनता के दरबार में जाने पर अगर कोई आरोप लांछन नहीं लगता है तो उसे यही माना जाता है कि 5 वर्ष का कार्यकाल पार्षद के रूप में हमारा बहुत अच्छा रहा। उक्त बातें कांग्रेस से 5 वर्ष तक पार्षद रही वार्ड क्रमांक 9 की प्रत्याशी परमजीत लवली हूरा ने कहा।

लवली हूरा का कहना है कि जिस दिन से वह पार्षद का चुनाव जीती और आज जब फिर जनता के दरबार में जा रही है तो उसे किसी से आंख चुराने में या चेहरा छुपाने में की इसलिए भी जरूरत नहीं है कि उन्होंने पार्षद के रूप में जो जिम्मेदारी जनता ने दी थी उस विश्वास को पूरी ईमानदारी से निभाते हुए एक बार फिर से गर्व से सिर ऊंचा कर अपने लिए वोट मांगने जा रहे हैं। सही मायनों में ईमानदारी की राजनीति की असली परीक्षा जनता के दरबार में तो अभी होगी कि उन्होंने हमारे कार्य को अगर स्वीकार किया है तो निश्चित रूप से बिना किसी प्रलोभन या झांसे में आए वह हमें अपना समर्थन फिर से देंगे…

लवली हूरा ने बताया कि पिछले चुनाव में हमारे लिए चुनाव की राजनीति भी नई थी और वार्ड भी नया था पर इस 5 साल में वार्ड क्रमांक 9 मेरे लिए एक परिवार की तरह है.. कोई मुझे बहन समझता है, कोई बेटी समझता है, कोई अपनी बहू मानता है… रिश्तो के धागों में बंधे वार्ड 9 का हर घर मेरा अपना है.. शिकवे शिकायतें तो चलते रहेंगे पर चुनाव के इस दौर में मुझे पूरा विश्वास है कि वार्ड 9 का मेरा अपना पूरा परिवार मेरे पक्ष में अपना समर्थन देगा…

नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती पूजा मक्कड़ और पार्षद प्रत्याशी लवली हूरा की जोड़ी अपनी पूरी टीम के साथ वार्ड 9 का सघन दौरा कर रही है और वार्ड में वास्तविक विकास और जन समस्या निदान का लोगों को विश्वास दिलाते हुए अपने काम की गारंटी को ही अपनी जीत का आधार बनाया हुआ है….

अब देखना यह है कि लवली हूरा के 5 साल के पार्षद सेवा को वार्ड 9 के लोग सम्मान देते हैं या फिर एक नेता की तरह जनता भी वादों और इरादों को भूलकर चुनावी धींगा मस्ती के झांसे में आकर अपना विचार बदल देती है…
तब तक के लिए नारायण नारायण…😊



