“करो या मरो” की स्थिति में आ खड़ा हुआ है तखतपुर विधानसभा चुनाव

“करो या मरो” की स्थिति में आ खड़ा हुआ है तखतपुर विधानसभा चुनाव

अभी नहीं तो कभी नहीं, या “मत चूको चौहान” के नारे के साथ कूद पड़े हैं दिग्गज

5 साल पछताने की बजाय एक रात का ब्लाइंड गेम और नहीं सही…..

तखतपुरकरो या मरो की स्थिति के साथ… अभी नहीं तो कभी नहीं की दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ और मत चूको चौहान वाले हिदायत की स्थिति में तखतपुर विधानसभा चुनाव आ खड़ा हुआ है.. जहां अब एक भी चूक आपको जहां सांप सीढ़ी के 99 वाले सांप काटने की स्थिति के खेल पर ला देगा.. वही सटीक फार्मूला आपको 5 साल के लिए तखतपुर विधानसभा राजनीति और छत्तीसगढ़ की सियासत का सिकंदर बना देगा…

         जो मांगे वह दो की स्थिति बन गई है….  देश की आजादी के बाद तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में पहली बार ऐसा चुनाव होगा जहां मतदाताओं को सियासी महासंग्राम का ऐसा महायुद्ध देखने को मिला है जिसमें बेटी के दहेज की तरह दूल्हे पक्ष से उनकी डिमांड पूछी जा रही है… हजारों की संख्या में खड़े एक दिन के दुल्हो की बारात अब सज कर तैयार हो गई है

         करो या मरो की स्थिति कुछ इस तरह बन गई है कि चुनावी महासंग्राम में आज तक अब तक आपने जो कुछ भी किया वह शून्य तब हो जाएगा जब आज और कल कुछ नहीं करोगे तो…😅 तो अब अगर आपको सियासत के हनीमून पर जाना है तो 2 दिन का ब्लाइंड गेम तो एक बार फिर से खेलना ही पड़ेगा और आज कुछ नहीं किया तो कल फिर तकदीर का फैसला का बटन दब जाएंगे…

          वैसे खबर यही है कि आज की रात में ही चुनावी बाजी पलटने और गेम ओवर करने का एक बड़ा गेम प्लान तैयार किया गया है और जिस महारथी के तैनात तीरंदाज चौकस खिलाड़ी ईमानदारी से लंगर का प्रसाद अगर बांट दिए तो गुरु महाराज की उस पर समझ लो कृपा हो गई… वैसे कुछ खौराए खखवाए टाइप के लोग लंगर के प्रसाद को हितग्राहियों तक पहुंचाने के बजाय पहले अपने लिए दबाने का नया-नया जुगाड़ फिट करने में लगे हुए हैं…
      अब देखना यह है कि किसके लोग आज कितनी ईमानदारी से चुनावी लंगर के प्रसाद को बांटने में सफल हो पाते हैं…
     तब तक के लिए नारायण नारायण…..😊
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