मौसम के बदले मिजाज से ठिठुरा तखतपुर

मौसम के बदले मिजाज से ठिठुरा तखतपुर

शाम से ही घने कोहरे ने पूरे तखतपुर को अपने आगोश में ढाप लिया

तखतपुर आज सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला रहा और बारिश की रिमझिम फुहार से तखतपुर का वातावरण शीतलमय हो गया और नवंबर ने जाते-जाते तखतपुर को ठंड से कंपकंपा कर बरसों पुरानी की याद ताजा कर दी।

    आमतौर पर दिसंबर और जनवरी माह में ही ठंड का एहसास बीते कुछ वर्षों से हो रहा है। इस वर्ष भी कुछ इसी तरह ही वातावरण था। लेकिन आज 28 नवंबर की सुबह बदले मौसम का एक नया संदेश लेकर आई और आसमान पर छाई बदलिया से बारिश की हल्की फुल्की फुहार ने तखतपुर नगर को पूरी तरह से ठंड से अपनी आगोश में ले लिया और दिन में ही लोगों के ऊनी वस्त्र निकल गए।

एक ओर जहां लोग ऊनी वस्त्र धारण कर रहे, वहीं बारिश से बचने के लिए छाते और रेनकोट का भी उपयोग करते कई लोग नजर आए। शाम होते-होते कोहरे ने अपना कब्जा जमाना शुरू किया और देखते ही देखते रात 7 बजे के बाद पूरा शहर कोहरे में ढक गया। लोगों का तो मानना है कि तखतपुर के इतिहास में नवंबर माह में ऐसा कोहरा देखने को नहीं मिला। तखतपुर नगर आज किसी हिल स्टेशन की भांति प्रतीत हो रहा था। प्रकृति के इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए लोग घरों से बाहर निकले और घूम घूम कर घनघोर कोहरे को देखकर तखतपुर में हिल स्टेशन की हो रही अनुभूति को महसूस किया।

     जगह-जगह आज लोग अलाव जलाकर बैठे नजर आए और बारिश से उपजी इस ठंड का भरपूर आनंद लेते रहे।

किसानों के लिए चिंता का विषय

एक ओर जहां किसान अपने साल भर की मेहनत से उपजी धान की फसल की कटाई पर लग रहा है वहीं आज मौसम के बदले स्वरूप ने उसे चिंता में डाल दिया है। धान की फसल कट कर अभी खेतों से घर नहीं पहुंची है की बारिश की हल्की फुहार ने खतरे का संकेत दे दिया है। बरसात की अगर यही स्थिति रही तो किसानों को एक बहुत बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। क्षेत्र में धान की अच्छी फसल को देखकर किसान अभी अपनी प्रसन्नता को व्यक्त भी नहीं कर पाया था कि मौसम ने उसे चिंता के गहरे सागर में डुबो दिया है।
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