तखतपुर (बृजपाल सिंह हूरा)
धुकुर पुकुर होवत हे… कोनो नेता पेट भर नई सोवत हे…..
एक दिन में ही जिस नेता को 5 साल के राजा बन जाने का प्रमाण पत्र मिल जाएगा… सोचिए..! उसकी यह सोचकर क्या हालत होगी कि 5 साल के लिए राजा बनेंगे या राजा बनने के लिए फिर से 5 साल का इंतजार…? इस चिंता में जहां राजनीति के अमिताभ बच्चन धर्मेंद्र लोगों को रातों में पेट भर नींद नहीं पड़ रही है… यही हाल कार्यकर्ता स्तर पर भी चल रहा है.. दरी उठाने से लेकर गांधी छाप बांटने (दाबने) तक का काम करने वाले हर स्तर के कार्यकर्ता छाप नेता की धुकुर-पुकुर की स्थिति बनी हुई है कि आखिर 3 दिसंबर को परिणाम किसके पक्ष में आएगा…? ईवीएम मशीन के आने के बाद झूठ बोलने वाले कार्यकर्ताओं के पकड़े जाने का पूरा इंतजाम लगभग हो ही जाता है… गांव में तो स्पष्ट पता चल जाता है कि कहां से किसे कितना वोट मिला है..? अब जहां बड़ा-बड़ा आश्वासन देकर लंबा माल हजम किए लोगों के लिए तो उनकी नींद उड़ना तो स्वाभाविक है… वही जिस तरह के तनाव टेंशन के दौर से पार्टी कार्यकर्ता गुजर रहे हैं.. उससे तो यही लग रहा है कि आने वाले दिनों में ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों की संख्या कांग्रेस भाजपा दोनों में बढ़ने वाली है…😅
ठाकुरों का फाइनल मुकाबला तय करेगा कि वर्ल्ड कप कौन उठाएगा..?
यह महज एक इत्तेफाक है कि 2013 लोरमी से धर्मजीत सिंह जी एवं तखतपुर से आशीष सिंह जी को हार का मुख देखना पड़ा.. उस के बाद 2018 में धर्मजीत सिंह जी जहां लोरमी से जीत के विधानसभा पहुंचे.. वही तखतपुर से रश्मि आशीष सिंह जी भी जीतकर विधानसभा पहुंची… अब ऐसा लग रहा है जैसे दोनों सेमीफाइनल अपने अपने क्षेत्र से जीत कर फाइनल मुकाबले के लिए पहुंच गए है.. यह एक अजब अद्भुत इत्तेफाक है कि इस बार हार जीत के लिए वही दोनों ही आमने-सामने हो गए.. दोनों ठाकुर परिवार के घर से ये सातवां विधानसभा चुनाव लड़ा जा रहा है… जिसमें पहली बार में प्रदेश के दोनो दिग्गज आमने-सामने हुए हैं… धर्मजीत सिंह जी 1990, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 के बाद 2023 में सातवां विधानसभा चुनाव लड़ा है… वहीं बलराम सिंह ठाकुर जी परिवार से 1996, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 के बाद 2023 में सातवां विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.. दोनों तरफ से चुनाव लड़ने के अनुभवों की कोई कमी नहीं है.. लेकिन बलराम सिंह ठाकुर जी परिवार जहां अपना सातवां चुनाव भी तखतपुर क्षेत्र से लड़ रहा है जिसके लिए उन्हें क्षेत्र का पूरा अनुभव है… वही धर्मजीत सिंह जी अपने जीवन का सातवां विस चुनाव और पहली बार तखतपुर क्षेत्र से लड़ रहे है..
ऐसे में अब देखना यह है कि तखतपुर विधानसभा चुनाव परिणाम दोनों अनुभवी चुनावी रणबांकुरों के लिए तखतपुर विधानसभा क्षेत्र का नया और पुराना अनुभव कितना कारगर सिद्ध होगा…
तब तक के लिए नारायण नारायण..😊
चलते चलते सवाल आपसे..?
👉 कौन से कथित निष्ठावान कांग्रेसी नेता के द्वारा भाजपा के बंट रहे दो नंबरी लक्ष्मी छाप गांधी जी को परिवार के प्रत्येक सदस्य के एक एक नाम पर गिन गिन कर लिया गया है…?😅
👉 तखतपुर विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर लगने वाली शर्त बाजियों में लाखों के दांव के लिए भाजपा की तरफ से भाटापारा क्षेत्र से और कांग्रेस की तरफ से सकरी क्षेत्र से लक्ष्मी बम के धमाके ज्यादा क्यों हो रहे हैं…?
👉 तखतपुर विधानसभा चुनाव में दिखावे की नेतागिरी कर अपने आपको निष्ठावान भाजपाई और कांग्रेसी बताने वालों में एल्डरमैन बनने और कंडेक्टर दर पर नौकरी लगने वालों की सूची संख्या कहां से कहां तक पहुंच गई है..?