धर्मजीत की जीत ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए, वही कई मिथक कायम भी रहे
तखतपुर (बृजपाल सिंह हूरा) तखतपुर विधानसभा चुनाव के लिए 2023 का यह चुनाव कई मायनों में अपने परिणामों के साथ एक इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है जिसे आने वाली पीढ़ियां भी वर्षों तक याद रखेंगे इस चुनाव में साम दाम दंड भेद सभी का भरपूर उपयोग हुआ उसे पर फिर मतदाताओं की खामोशी ने परिणाम को लेकर लोगो को सशंकित और भ्रम की स्थिति में रखा.. लेकिन जनता जनार्दन ने खामोशी से ही सही पर ईवीएम के सामने अकेले में जमकर अपनी मनमर्जी चलाई और जब वह परिणाम के रूप में बाहर निकाला तो समझ में आया कि जनता ने लिया सबसे पर वोट अपने मन से ही दिया है।
देश की आजादी के बाद पहली बार इतने बड़े अंतर से जीत
तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में 1990 में भारतीय जनता पार्टी के मनहरण लाल पांडेय ने 11000 से ऊपर मतों से रिकॉर्ड दर्ज जीत दर्ज की थी जो अभी तक तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में जीत हार का सर्वाधिक रिकॉर्ड रहा जिसे भारतीय जनता पार्टी के ही धर्मजीत सिंह ने तोड़ते हुए एक नया इतिहास रचा है। धर्मजीत सिंह 14892 वोटो से न सिर्फ विजय हुए बल्कि तखतपुर विधानसभा में टोटल हुए मतदान का 50 प्रतिशत से भी ऊपर वोट पाकर एक नया रिकॉर्ड कीर्तिमान स्थापित किया है।
निरंतर दो बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड नहीं बन पाया
1996 में स्व. बलराम सिंह ठाकुर जब से चुनाव लड़ रहे हैं, तब से निरंतर अभी तक इस परिवार से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लगातार यह सातवां चुनाव विधानसभा चुनाव रहा है। एक जीत के बाद इन्हें दूसरी बार लगातार जीत कभी नहीं मिली। लोगों का अनुमान था कि इस बार शायद जीत दर्ज हो तो निरंतर दो बार चुनाव का नहीं जीत पाने का रिकॉर्ड टूट जाए। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद यह मिथक भी नहीं टूट पाया है।
सीधे मुकाबले में भारी पड़ने वाली कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ गई
1993 से बहुजन समाज पार्टी के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा को फायदा मिलता रहा और कांग्रेस नुकसान में रही। 2003 में चुनाव त्रिकोणीय ना होकर सीधा मुकाबला रहा जिसमें कांग्रेस को अच्छी जीत मिली थी। इस बार काफी अरसे के बाद फिर भाजपा कांग्रेस का आमने-सामने सीधा मुकाबला था जिससे अनुमान लगाया जा रहा था कि कांग्रेस का वोट काटने वाली कोई पार्टी मजबूती से त्रिकोणीय स्थिति में नहीं खड़ी है जिसका लाभ कांग्रेस को मिलेगा, किंतु भाजपा प्रत्याशी धर्मजीत सिंह ने सारे मिथक और समीकरण को तहस-नहस करते हुए रिकॉर्ड मतों की जीत हासिल कर ली।
धर्मजीत ने भाजपा को तीसरे स्थान से फिर शिखर पर लाया
बीते विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी तीसरे स्थान पर चली गई थी जिस वजह से कांग्रेस अति आत्मविश्वास में थी कि भाजपा का ग्राफ क्षेत्र से गिर चुका है। पर धर्मजीत सिंह ठाकुर भाजपा प्रत्याशी बनकर तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को न सिर्फ तीसरे स्थान से पहले स्थान पर लाया बल्कि अब तक के सर्वाधिक वोटो से जीतने का तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में रिकॉर्ड भी बनाकर यह साबित कर दिया कि उनकी पिछली बड़ी जीत भी कोई तुक्का नहीं थी।
धर्मजीत ने हर सिंबॉल पर बनाया रिकॉर्ड
धर्मजीत सिंह को उत्कृष्ट विधायक से कई बार सम्मानित किया जा चुका है। शायद यही वजह है कि उन्होंने सिंबॉल बदला भी पर उनके राजनैतिक व्यक्तित्व पर कोई असर नहीं पड़ा। कांग्रेस से भी वह ऐसे ही रिकॉर्ड वोटो से जीत चुके हैं। पिछला चुनाव 2018 में जब जोगी कांग्रेस से लड़े तो लोगों को लगा कि इन्होंने एक बड़ी गलती की है पर वहां भी वह 26000 से ज्यादा मतों से जीत कर रिकॉर्ड दर्ज किया था और इस बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में तखतपुर विधानसभा क्षेत्र से उतरे तो एक बार फिर लोगों को लगा कि यह गलती कर रहे हैं पर यह उनका व्यक्तित्व ही है कि लोग इन्हें व्यक्तिगत तौर पर वोट देना पसंद करते हैं ना की चुनाव चिन्ह देखकर।
सुबह 10 बजे से ही गूंजने लगे बम के धमाके
मतगणना आरंभ होने के साथ ही पहले राउंड में भाजपा प्रत्याशी धर्मजीत सिंह जो 682 मतों से बढ़त हासिल की तो अंत तक वह पीछे मुड़कर नहीं देखे और अंतिम राउंड तक उनका विजय कारवां 14892 मतों के जीत पर जाकर थमा। पहले राउंड के बाद से ही तखतपुर नगर में बम के धमाकों की जो शुरुआत हुई वह पूरे दिन देर रात तक चलती रही। तखतपुर के इतिहास में जितनी आतिशबाजी आज हुई है उतने फटाके इससे पहले कभी नहीं फूटे हैं।
अब तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने सत्ता का मूड भांपते हुए ही विधायक भी सत्ता पक्ष का बनाया है तो लोगों को उम्मीद भी है की जीत के बाद उनका तखतपुर प्रथम आगमन एक कैबिनेट मंत्री के रूप में ही हो…