गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले तक जेसीसीजे से उम्मीदवार का एकमात्र चेहरा एकदम साफ था पिछले डेढ़ साल से मेहनत कर रहे लोरमी नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष व लोरमी विधानसभा प्रभारी मनीष त्रिपाठी को अघोषित रूप से पार्टी का उम्मीदवार बनाया जा चुका था लेकिन पिछले दो दिनों में ही जेसीसीजे के टिकट को लेकर टकराव शुरू हो गया है, यहां एक दिन पहले ही मुंगेली जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सागर सिंह बैस ने कांग्रेस पार्टी से टिकट नही मिलने पर नाराजगी जताते हुये कांग्रेस से इस्तिफा देकर जेसीसीजे मे शामिल हुये, सूत्र बताते है कि लोरमी विधानसभा से टिकट की कमेंट की शर्त पर ही सागर सिंह ने जेसीसीजे ज्वाईन किया है। हालाकि सागर सिंह का कहना है कि उन्होने बिना शर्त पार्टी में शामिल हुये है लेकिन ये भी कहा कि यदि पार्टी लोरमी विधानसभा से प्रत्याशी बनाती है तो पूरे दमखम से चुनाव लडेंगे।
इधर मनीष त्रिपाठी ने मंगलवार को विजयादशमी पर शुभ मुहुर्त को देखते हुये अपनी पार्टी का चुनाव कार्यालय का शुभारंभ किया। ऐसे में जेसीसीजे पार्टी में अंतः कलह साफ दिखाई दे रहा है लोरमी विधानसभा में जेसीसीजे का टिकट एक पहेली बन गया है जब तक पार्टी के द्वारा अधिकृत प्रत्याशियो की घोषणा नही की जाती तब तक यह सस्पेंस बना ही रहेगा।
विदित हो कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव को यहां पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद यह सीट पहले से ही हाई प्रोफाईल हो चुका है भाजपा के जवाब के रूप में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। पिछले कुछ विधानसभा चुनाव की बात करे तो यहां मुकाबला त्रिकोणीय ही रहा है, पिछले चुनाव में भाजपा कांग्रेस को दरकिनार कर जेसीसीजे प्रत्याशी को लोरमी के मतदाता ने चुनाव किया था। उससे पहले चुनाव की बात करे तो तीसरे मोर्चे ने ही समीकरण बिगाड़ा था इस वजह से तीसरे मोर्चे की भूमिका चुनाव में महत्वपूर्ण हो जाती है। हालाकि इस वर्ष आम आदमी पार्टी, बसपा, सहित कई पार्टियो ने अपना प्रत्याशी उतारा है तो कई उम्मीदवार निर्दलीय भाग्य आजमा रहे है।